तीरंदाज न्यूज, मुंबई। दीवान हाउसिंग एंड फाइनेंस लिमिटेड के कपिल और धीरज वधावन के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई ने मुंबई में उनके 12 ठिकानों पर छापेमारी की। आरोप है कि उसने 17 बैंकों में 34,615 करोड़ रुपए की ठगी की है। इस सबसे बड़े बैंक फ्रॉड की जांच सीबीआई कर रही है। रेड प्लेस में वधावन का ऑफिस और घर भी शामिल है। बताते चलें कि इससे पहले नीरव मोदी ने भी बैंकों को इतना बड़ा चूना लगाया था। 

वधावन के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि डीएचएफएल के तत्कालीन मुख्य प्रबंध निदेशक कपिल वधावन, तत्कालीन निदेशक धीरज वधावन, व्यवसायी सुधाकर शेट्टी और कुछ सरकारी कर्मचारियों ने बैंक धोखाधड़ी की साजिश रची थी। सीबीआई का कहना है कि आरोपी कपिल वधावन ने कंसोर्टियम बैंकों को 42,871 करोड़ रुपए कर्ज देने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद कंसोर्टियम लेंडर्स को 34,615 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के मुताबिक, मई 2019 में जब डीएचएफएल ने कर्जदाताओं को धोखा देना शुरू किया, तो एक विशेष समीक्षा की गई। डीएचएफएल ने उस समय कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में गलत जानकारी दी थी। कंपनी ने आश्वासन दिया था कि उसके पास पर्याप्त लिक्विडिटी है और वह ऋण चुका देगी।

जांचकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने पाया कि 66 संस्थाओं का इस्तेमाल 29,100 करोड़ रुपये के फंड को डायवर्ट करने के लिए किया गया। एफआईआर के मुताबिक एसबीआई को सबसे ज्यादा 9,898 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके बाद बैंक ऑफ इंडिया, कनाडा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को घाटा हुआ है।