रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को भानुप्रतापपुर में अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आम जनता योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारी संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। साथ ही राज्य सरकार के निर्देशों पर गंभीरता से अमल करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भेंट-मुलाकात के दौरान दिव्यांग बच्चों द्वारा पढ़ाई की सुविधा और सहायक उपकरणों की मांग की जा रही है।

सीएम ने कहा कि अधिकारी ऐसे बच्चों की पढ़ाई के लिए आवश्यक व्यवस्था करें। स्कूलों में जाति प्रमाण पत्र बनाने की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्थाई जाति प्रमाण पत्र बनाते समय पूरी जानकारी एकत्र की जाए, ताकि स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनाने में कठिनाई न हो। उन्होंने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में 16 जून तक शिक्षकों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में समय से पाठ्यपुस्तकों का वितरण सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि गौठानों में मछलीपालन तथा पोखर निर्माण, जल जीवन मिशन, हाट बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री कुपोषण अभियान की समीक्षा की। उन्होंने हाट बाजार क्लिनिक की संख्या बढ़ाने और ग्रामीणों के लिए उपयोगी इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने, बारिश के दौरान मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने नरवा विकास योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि लोगों का खेती-किसानी के प्रति रूझान बढ़ा है। इसलिए वाटर रिचार्जिंग का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। इस मौके पर अफसरों ने सीएम बघेल को जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में बताया गया कि पिछले एक वर्ष में गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या में 3 प्रतिशत की कमी आई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने के लिए संचालित की जा रही आर्थिक गतिविधियों से आम आदमी और महिला समूहों की आय में वृद्धि हो। गोठानों में विभिन्न समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था, गौठानों में अलग-अलग तरह की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने, स्थानीय जलवायु के अनुरूप अदरक, हल्दी, काली मिर्च की खेती को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।

समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने नारायणपुर के 08 आवर्ती चराई गौठानों में पानी की व्यवस्था करने, गोबर खरीदी के लिए अधिक से अधिक पशुपालकों का पंजीयन करने, गौठानों में चाक निर्माण तथा अण्डा उत्पादन की यूनिट लगाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषि से संबंधित योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने तथा धान के अलावा अन्य फसलों के लिए भी ऋण दिया जाए।