सीआईएनए, डेस्क। जांजगीर जिले में एक दुर्लभ प्रजाती का सांप देखने को मिला। यह सांप सामान्य सांपों से एकदम अलग है। इसी खासबात यह है कि इसके दो मुंह है और चार आखें है। सांप देखे जाने की सूचना जैसे जैसे जिले में फैली इसे देखने वालों की भीड़ लगने लगी। इस अद्भुद सांप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। यही नहीं लोगों ने इसकी पूजा अर्चना भी शुरू कर दी थी।

मिली जानकारी के अनुसार दुर्लभ प्रजाती का सांप बलौदा वन परिक्षेत्र के ग्राम शनिचरीडीह में देखा गया। यहां के परदेशी कंवर नाम के शख्स के आंगन में दो सांप वाला सांप अचानक पहुंच गया। गुरुवार की दोपहर का समय था और लोग अपने अपने कामों में व्यस्त थे। दों मुंह वाले सांप को देखकर पहले परदेशी कंवर आश्चर्यचकित हो गया। इसके बाद उसने आसपास लोगों को सांप के बारे में बताया। जिसने भी सुना सांप को देखने पहुंचने लगा।

भगवान का रूप मानकर करने लगे पूजा
दो मुंह वाले सांप की जानकारी जैसे जैसे लोगों को मिली वे मौके पर पहुंचने लगे। यह सांप काफी धीरे चल रहा था। लोग भगवान का रूप मानकर इसकी पूजा करने लगे। इस दौरान काफी आश्चर्य से सांप को देख रहे थे। बताया जाता है कि दो मुंह वाला सांप काफी दुर्लभ होता है। जीन के प्रभाव से इस प्रकार के सांप पैदा होते हैं। इस तरह के सांप काफी दुर्लभ माने जाते हैं।

सर्प विशेषज्ञ व स्नैक कैचर अजय चौधरी ने बताया कि यह सेंडबोआ प्रजाति का सांप है। छत्तीसगढ़ में इसे मुरेडी सांप कहा जाता है। आमतौर पर इसके दो सिर नहीं होते। केवल जीन के प्रभाव से इसके दो सिर हैं। जीन के प्रभाव से कई बार देखा गया है कि पशुओं के अतिरिक्त अंग निकल आते हैं यह भी उसी तरह का मामला है। दो मुंडी का साप देखने को नहीं मिलता लेकिन यह एक अदभुत हैं। यह सांप बच्चे देने वाले होते हैं । यह अन्डा नहीं देते यह सीधे बच्चे पेट में ही तैयार कर बाहर निकालते हैं । यह सांप एक बार में 8 से 9 बच्चे देते हैं।