मुंबई। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो गई है। आज विधानसभा में शिंदे सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया। शिंदे सरकार को जरूरत से ज्यादा वोट मिले हैं। मौजूदा सरकार के पक्ष में 164 वोट पड़े जबकि विरोध में सिर्फ 99 वोट ही पड़े। इस दौरान तीन विधायक गैरहाजिर रहे। बहुमत साबित करने लिए 144 वोट की दरकार थी, लेकिन शिंदे गुट को 20 वोट ज्यादा हासिल हुए।

महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार और शिवसेना के भरत गोगावले ने विश्वास मत प्रस्तावित किया। ध्वनि मत के बाद विश्वास मत के प्रस्ताव पर विपक्ष ने वोट बंटवारे की मांग की जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने अनुमति दे दी। वोट विभाजन के लिए सदस्यों को खड़े होने के लिए कहा गया था।

विधानसभा में वोटिंग से पहले उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा। वोटिंग से ठीक पहले उद्धव गुट के विधायक संतोष बांगर और श्यामसुंदर शिंदे विरोधी गुट में शामिल हो गए। संतोष बांगर शिंदे गुट के विधायकों के साथ ही विधानसभा पहुंचे थे।

उद्धव गुट को सुप्रीम कोर्ट से झटका

बहुमत परीक्षण को लेकर शिंदे और उद्धव गुट ने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया था। वहीं, शिंदे गुट के व्हिप को मान्यता देने की महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष की कार्रवाई को उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उद्धव खेमे के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में मामला उठाते हुए कहा कि पार्टी अभी उद्धव की है और स्पीकर को ये अधिकार नहीं है कि वह शिंदे गुट की ओर से जारी व्हिप को मान्यता दें। सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर 11 जुलाई को सुनवाई होगी।

अजय चौधरी को विधायक दल के नेता पद से हटाया

इससे पहले, महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने रविवार को शिवसेना विधायक अजय चौधरी को पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया था। नार्वेकर के कार्यालय की ओर से जारी पत्र में एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया गया। साथ ही उद्धव गुट के सुनील प्रभु चीफ व्हिप के पद से हटाकर शिंदे खेमे के भरत गोगावले को चीफ व्हिप नियुक्त किया गया।