बालोद। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बालोद जिले के भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत खपरी स्थित कुकुरदेव मंदिर में पूजा अर्चना से की। यह मंदिर आस्था और आश्चर्य के साथ मानव-पशु प्रेम की अनोखी मिसाल पेश करता है। यहां एक कुत्ते की समाधि है जिसको लेकर मान्यता है कि वो अपने मालिक के प्रति आखिरी सांस तक वफादार रहा। सीएम ने कुकुरदेव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने मंदिर में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किया।

हमने ऐसा कई बार सुना है कि मनुष्य के गुण उसे देवता बना देते हैं। मगर क्या किसी पशु के गुण उसे पूजनीय बना सकते हैं? तो बात दें छत्तीसग़ढ में बालोद जिले के खपरी में ऐसा ही एक अनोखा मन्दिर है कुकुरदेव मन्दिर। जहां आज सीएम भूपेश बघेल पहुंचे और वफादारी का प्रतीक बन चुके बेजुबान जानवर की स्मृति को नमन किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और लोक परंपराओं की इस विरासत के संरक्षण के प्रति सजग हैं। और इनको संजोना उनकी सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में से है। यहां की संस्कृति में पशुओं के प्रति प्रेम रचा बसा है। इन्हीं लोक परंपराओं को सरकार पुनर्जीवित कर रही हैं। पशुधन संरक्षण को छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जोड़ा गया है गोधन न्याय योजना, गोबर खरीदी और गोमूत्र खरीदी जैसी योजनाएं पशुओं के संरक्षण में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।