जशपुर। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दो साल पुराने हत्या के मामले में आजीवान कारावास की सजा सुनाई है। बता दें महिला ने अपने ही 8 माह के बेटे की घोंटकर हत्या कर नाले में बहा दिया था।और इसे हादसा बताया था। लेकिन पीएम रिपोर्ट आने पर हत्या का खुलासा हो गया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार किया था।

7 सितंबर 2020 को 20 वर्षीय सुधा कुजूर ने अपने की बेटे की जान ले ली थी। जानकारी के अनुसार सुधा कुजूर का अपने पति व ससुराल वालों से विवाद हो गया था जिस के बाद वो अपने साथ 8 माह के बच्चे को लेकर मायके चली गई। इस दौरान जा वो ग्राम सारूडीह स्थित पनचक्की नाला के पास पहुंची तो उस ने बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी और इसे हादसे की शक्ल केने के लिए शव को गमछे में बांधकर नाले में बहा दिया था। पुलिस को महिला ने बताया था कि शौच के दौरान फिसलने से बच्चा नाले में बाह गया। जब पुलिस ने शव को बरामद किया तो उस का पीएम कराया। पीएम रिपोर्ट से यह साफ हो गया की बच्चे की मौत दम घुटने से हुई है। इस पर पुलिस ने सुधा कुजूर से सख्ती से पूछतांछ दी तो उस ने सारी बात बात दी। इस के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

इस घटना के दो साल बाद अब जिला कोर्ट ने अपना फैसला सुनते हुए महिला को सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश जशपुर केपी सिंह भदौरिया ने महिला के विरूद्ध धारा धारा 302, 201 IPC का आरोप सिद्ध पाया। जज ने धारा 302 में आजीवन सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपए अर्थदण्ड, अर्थदण्ड नहीं दिये जाने पर छः माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास तथा धारा 201 में 5 वर्ष सश्रम कारावास एवं 05 हजार रुपए अर्थदण्ड की सज सुनाई है। इस मामले में अर्थदण्ड नहीं दिये जाने पर तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास का निर्णय दिया है।