RAIPUR. प्रदर्शन निदेशालय यानि ED के छापे के बाद से करीब दो सप्ताह से फरार चल रहे कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने आखिरकार कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सूर्यकांत तिवारी शनिवार की शाम को ADG अजय सिंह राजपूत की जिला अदालत में खुद को समर्पण कर दिया। सूर्यकांत तिवारी के खिलाफ मनी लांड्रिंग प्रकरण में ईडी में जांच चल रही है।

बता दें कि इस मामले में पहले आईएएस समीर विश्नोई, सूर्यकांत के रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी, कारोबारी सुनी अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया था। बीते दिन ही इन तीनों को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया था।

आज कोर्ट में सुनवाई के बाद सूर्यकांत तिवारी को 12 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। ED अब 12 दिनों तक सूर्यकांत तिवारी से पूछताछ करेगी। सूर्यकांत तिवारी ADG अजय सिंह राजपूत की अदालत में सरेंडर करने पहुंचा था। लेकिन मनी लांड्रिंग केस में सरेंडर का कोई प्रावधान नहीं होने की वजह से सूर्यकांत को कोर्ट परिसर में ED ने गिरफ्तार किया।

कोर्ट में पेश करते हुए ED ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन जज ने 12 दिन की रिमांड दी। अब 10 नवंबर को इसी मामले में पहले से गिरफ्तार आईएएस समीर विश्नोई, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल के साथ उसकी अगली सुनवाई होगी।

कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी पखवाड़ेभर से फरार था। ईडी ने उसे मुख्य आरोपी बनाया है। इससे पहले ईडी ने आईएएस समीर विश्नोई, सूर्यकांत के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, और कारोबारी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। तीनों न्यायिक अभिरक्षा में है। राजनीति में काफी रसूख रखने वाले कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी का निवास छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में है। यहीं से ही उसके करियर, राजनीति और व्यापार की शुरुआत हुई थी।

इसके पहले जून में सूर्यकांत तिवारी सहित अन्य अधिकारियों के यहां छापे के बाद आयकर विभाग ने कहा था कि 9.5 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी और लगभग 5 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए हैं। 200 करोड़ रुपये से अधिक के कलेक्शन के सबूत मिलने की बात भी कही गई थी। सूत्रों के मुताबिक आईटी को राजनीतिक फंडिग के साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं।