BHILAI. माइलस्टोन अकादमी कोहका, जुनवानी के बच्चों के लिए नाइट कैंप का आयोजन किया गया. खास ये कि आजकल के बच्चे जो शहर में रहकर खुले आसमान को नहीं देख पाते उन्हें न सिर्फ ये देखने का मौका मिला, बल्कि उसके बारे में ढेर सारी जानकारियां भी रोचक अंदाज में जानने को मिला. सभी ने मैज‍िक शो, कहानियां और फिर डिनर का लुत्फ उठाया.

माइलस्टोन कोहका जुनवानी के तीन से छह साल तक के बच्चे नाइट कैंप में शामिल हुए. डायरेक्टर मैडम डा. ममता शुक्ला के मार्गदर्शन में ये आयोजन हुआ. इसमें उन्होंने बच्चों के लिए बहुत ही खास व ज्ञानवर्धक बातें बताई. शिविर में बच्चों की उम्र ज़्यादा नहीं थी. लेकिन, वे अपनी मैडम के साथ बहुत ही उमंग के साथ ही उत्साहित दिखाई दे रहे थे. उनके लिए ज्ञान और मनोरंजन का भरपूर ध्यान रखा गया था.

इस तरह उठाया नाइट कैंप का आनंद
मैजिक शो: नाइट कैंप की शुरुआत मैजिक शो के जरिए हुई. जादू तो बच्चों को वैसे भी बहुत पसंद होता है. बच्चों ने मेजिशियन के करतब को बहुत इंजॉय किया. साथ ही इसे वे ताली बजाकर जताते भी रहे.

डांस: प्रत्येक कार्यक्रम के लिए समय सीमा निर्धारित की गई थी. बच्चों ने अपनी पसंद के गानों पर अपनी मैडम और प्रिंसिपल मैडम के साथ खूब नृत्य किया. टीचर्स भी तालियां बजाकर उनका हौसला बढ़ाते रहे.

खुले आसमान का नजारा: जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता जा रहा था, रात होने लगी थी. तब बच्चों को खुले आसमान का अद्भुत नजारा दिखाया गया, जिसमें ढेर सारे टिमटिमाते तारे थे. इसी कड़ी में उन्हें चंद्रमा और सूर्य के बारे में भी बताया गया, भले वे अभी नहीं दिख रहे थे. दरअसल, आजकल बच्चे ये सब टीवी पर ही देख पाते हैं. लेकिन माइलस्टोन में बच्चों ने आसमान में चांद, तारे और गैलेक्सी देखकर बहुत मनोरंजन किया. बच्चों के मन में उठ रहे सवालों को भी बहुत मनोरंजक ढंग से
समझाया गया. बच्‍चों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.

डिनर का लुत्फ: इसी कड़ी में बच्चों को जब भूख लगी तो उनके लिए एकदम व्यवस्थित तरीके से डिनर की व्यवस्था की गई थी. बच्चों को डिनर करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए ये बताया गया. उन्होंने पूरे मैनर्स के साथ डिनर किया. अपने हाथ से खाना सीखा और उन्हें ये भी बताया गया कि खाने को इधर-उधर गिराना नहीं चाहिए.

सोने से पहले क्या करें, न करें से परिचय: बच्चों को बताया गया कि सोने से पहले किन बातों को ध्यान रखें. क्या करें और क्या न करें. सोने से पहले हमें ब्रश करना चाहिए और नाइट ड्रेस पहनकर आराम से सोना चाहिए. बच्चों ने मैडम के कहे अनुसार अपनी ड्रेस बदलकर अपनी पिलो लेकर सोने के लिए तैयार थे.

कहानी सुनना और परियों का आना: सोने से पहले बच्चों को कहानी और फिर लोरियां सुनाई गई. परियों ने भी आकर बच्चों की कहानियों को और खुश कर दिया. बच्चे ये सब देखते सुनते हुए कब सोने लगे इसका अहसास ही बहुत रोमांचक था.

खुश हुए बच्चे
इस तरह नाइट कैंप से बच्चे बेहद खुश हुए और इसे वे अपने पेंरेंट्स के लेने आने पर जाहिर भी करते रहे. अंत में डायरेक्टर मैडम डा. श्रीमती ममता शुक्ला, प्रिंसिपल मैडम श्रीमती हेमा गुप्ता व पूरे माइलस्टोन स्टाफ का इस शिविर को इतने सुरक्षित तरीके से करने के लिए आभार जताया गया.