INDORE. पूरे साल चार नवरात्रि आती है, जिनमें आश्विन और चैत्र मास की नवरात्रि सबसे ज्यादा समाज में प्रचलित है। चैत्र नवरात्रि 22 मार्च दिन बुधवार से शुरू होने जा रही है। इसी के साथ ही पिंगल नामक संवत भी शुरू हो जाएगा। इस साल चैत्र नवरात्रि पर माता का वाहन नाव होगी। यह इस बात का संकेत है इस साल खूब वर्षा होगी। जानिए इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास से पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…ये शुभ योग रहेंगे
चैत्र नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिनों की होगी। नवरात्रि के दौरान तीन बार सर्वार्थ सिद्धि योग 23 मार्च, 27 मार्च, 30 मार्च को पड़ेगा। वहीं, अमृत सिद्धि योग 27 और 30 मार्च को रहेगा। रवि योग 24 मार्च, 26 मार्च और 29 मार्च को लगेगा। और नवरत्रि के अंतिम दिन रामनवमी के दिन गुरु पुष्य योग भी रहेगा।

शुभ मुहूर्त
इस साल नवरात्रि आरंभ शुक्ल योग में होगा, जो सुबह 9:18 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग लग जाएगा। ये योग सुबह-सुबह 9:19 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजे तक रहेगा। इस दिन ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग भी लगने वाला है और इस समह मां दुर्गा की पूजा अर्चना करना बेहद लाभकारी माना जाता है।

चैत्र नवरात्रों में पूजा विधि
माता दुर्गा की आराधना करते सच्चे हृदय से करनी चाहिए। इस दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके अपने घर के पूजा स्थान पर गंगाजल डालें और उसका शुद्धीकरण कर लें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

नवरात्रि के पहले दिन व्रत का परण लिया जाता है। बहुत से भक्त नवरात्रि पर नौ दिन व्रत रखते हैं। इस दिन कलश में जल भरकर पूजा स्थल पर रखा जाता है। कलश के मुख पर कालावा बांधें और फिर ऊपर आम और अशोक के पत्ते रखकर नारियल रख दें। इसके बाद धूप व दीप जलाकर मां दुर्गा की आरती और पूजा करें।

माता दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक कराएं। इसके बाद मां को अक्षत, सिंदूर, लाल रंग के पुष्प समर्पित करें। प्रसाद के रूप में फल और मिठाई का भोग लगाएं। धूप और दीपक जलाकर माता दुर्गा चालीसा का पाठ करें और मां की आरती करें। मां को लगाए गए भोग को अन्य लोगों में प्रसाद स्वरूप वितरित करें।