रायपुर। राजधानी रायपुर में दावते इस्लामी संस्था को जमीन आवंटन का मामला तूल पकड़ने के बाद प्रशासन की ओर से इस मामले में अपनी बात रखी गई है। इस संबंध में बताया गया कि उक्त जमीन के आवंटन से संबंधित आवेदन को रायपुर जिला प्रशासन ने एक दिन पहले ही निरस्त कर दिया था। इस संबंध में अनुविभागीय दंडाधिकारी देवेंद्र पटेल ने बताया कि दावते इस्लामी संस्था का आवेदन प्रारंभिक स्थिति में ही निरस्त कर दिया गया है।

अनुविभागीय दंडाधिकारी देवेंद्र पटेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ के संस्था दावते इस्लामी की ओर से सैयद कलीम द्वारा सामुदायिक भवन निर्माण के लिए बोरियाखुर्द में शासकीय भूमि में से 10 हेक्टेयर जमीन की मांग करते हुए आवेदन पत्र कलेक्ट्रेट कार्यालय में 1 साल पहले प्रस्तुत किया था। आवेदन मिलने के बाद प्रारंभिक प्रक्रिया के तहत अतिरिक्त तहसीलदार द्वारा इस इस्तीहार प्रकाशन के लिए ज्ञापन जारी किया गया। देवेंद्र पटेल ने स्पष्ट किया कि इस त्यौहार प्रकाशित होने के बाद आवेदक संस्था दावते इस्लामी द्वारा अपना आवेदन वापस ले लिया गया था। इस संबंध में उन्होंने कहा कि गलती से 10 हाजर स्क्वायर फीट की जगह 10 हेक्टेयर भूमि लिखा गया। यही नहीं आवेदन में खसरा नंबर भी गलत लिखा हुआ था। उस आवेदन को 1 जनवरी 2022 को तहसीलदार द्वारा निरस्त कर दिया गया।

अनुविभागीय दंडाधिकारी ने अभी बताया कि नियमानुसार 10 हजार वर्ग फुट जमीन आवंटन तहसीलदार या जिला स्तर पर नहीं किया जा सकता। यदि किसी संस्था को जमीन की आवश्यकता होती है तो विधिवत प्रक्रिया की जाती है। शासन के पास इसकी अनुशंसा के लिए भेजा जाता है। लंबी प्रक्रिया के बाद ही जमीन आवंटन होता है। इस मामले में इश्तिहार प्रकाशन को लेकर प्रभारी अधिकारी भू आवंटन एवं अतिरिक्त तहसीलदार को नोटिस भी जारी किया जा रहा है।

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