BHILAI. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की यमुना ने ईट भट्टी में काम करने के बावजूद बिना किसी कोचिंग और सुविधा के मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास की है। लेकिन मेडिकल में दाखिला लेने के पहले ही यमुना ने अपनी छोटी बहन वंदना का इलाज कर दिया। वास्तव में इलाज यमुना ने नहीं किया, बल्कि वह अपनी बहन के इलाज की वजह बनी।

दरअसल मेहनती बेटी की सफलता से प्रसन्न दुर्ग सांसद विजय बघेल यमुना चक्रधारी को बधाई देने उसके घर पहुंचे। यहां उन्होंने यमुना को बधाई दी। इसी बीच सांसद बघेल की नजर यमुना की छोटी बहन वंदना पर पड़ी। उसकी आंखों से लगातार पानी आ रहा था। सांसद ने जब वजह पूछी तो पता चला कि उसे आंखों की कोई बीमारी है। इस पर सांसद ने भिलाई के नामी स्पर्श हॉस्पिटल में बात की और आज इलाज के लिए उसे भिलाई लाने का इंतजाम किया।

सोमवार सुबह सांसद विजय बघेल यमुना के माता-पिता और भाई-बहनों को लेकर स्पर्श हॉस्पिटल पहुंचे। यहां जब यमुना के परिवार की आर्थिक स्थिति और उसकी बड़ी बहन के भी होनहार होने की जानकारी मिली तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाज के बाद सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर सांसद विजय बघेल ने कहा कि यमुना बिटिया का ईंट से नीट तक का सफर प्रेरणादायक है। हमसे बिटिया की जो मदद बनेगी, वह करेंगे। आगे की मेडिकल की पढ़ाई में भी उन्होंने सहयोग का वादा किया।

इस मौके पर स्पर्श हॉस्पिटल की ओर से यमुना चक्रधारी को 11 हजार रुपये आर्थिक सहायता दी गई। सम्मान के दौरान अस्पताल के निदेशक डॉ. संजय गोयल ने कहा कि यमुना की मेहनत साफ दिखाई दे रही है। अब उसे आगे भी इसी लगन से अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करनी होगी। मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एपी सावंत ने भी यमुना और उसके पूरे परिवार को बधाई दी। अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ. दीपक वर्मा ने आश्वासन दिया कि आगे भी अस्पताल प्रबंधन जरूरतमंदों की सेवा के लिए तत्पर रहेगा। कार्यक्रम में यमुना की मां-पिता, उनके गुरु जीएल साहू का भी सम्मान किया गया।

गरीबी सफलता में बाधक नहीं बन सकती
यमुना ने इस मौके पर कहा कि सफलता में गरीबी कभी बाधक नहीं बन सकती। शर्त यही है कि आपका संकल्प मजबूत हो। सफलता के लिए कोचिंग, मोबाइल, लैपटॉप जैसी चीजें सहयोग तो कर सकती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि इनके बिना सफलता असंभव हो। यमुना ने सहयोग के लिए सांसद विजय बघेल और स्पर्श हॉस्पिटल का आभार जताया।