रायपुर। वर्ष 2009 में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित मदनवाड़ा में हुए नक्सली घटना की न्यायिक जांच पूरी हो गई है। न्यायमूर्ति शंभुनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दी है।
बता दें कि 12 जुलाई वर्ष 2009 में राजनांदगांव जिले के मानपुर क्षेत्र में स्टेट हाइवे से महज सात किमी दूर कोरकोट्टी मार्ग में नक्सलियों ने बड़ा एंबुस लगा रखा था। नक्सली मदनवाड़ा में बनाए जा रहे पुलिस के बैस कैंप से नाराज थे। कैंप के पास दो जवान को नक्सलियों ने पहले अपना निशाना बनाया।

नक्सली हमले की सूचना पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे भी मौके पर पहुंच गए थे। मदनवाड़ा जाने वाले मार्ग स्टेट हाइवे से सात किमी दूर लगभग 300 नक्सली एबुंस लगाए बैठे थे। जैसे ही जवान एंबुस में फंसे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। नक्सली हमले में पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे सहित 29 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे।

इनमें 25 जवान कोरकोटि के जंगलों में, दो जवान मदनवाड़ा में और जवानों का शव लाते समय दो जवान नक्सलियों के हमले में शहीद हुए थे। नक्सलियों ने जवानों के रायफल, पिस्टल, बेल्ट लूट लिया था। नक्सलियों का तांडव दो घंटे तक जारी रहा। मामले में मानपुर थाना में अपराध दर्ज किया गया था।

गौरतलब है कि राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा में हुए नक्सली हमले की जांच मं हो रही लेटलतीफी को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक सदस्यीय जांच आयोग गठित की थी। जिसने आज अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दी है। अब इस रिपोर्ट के निष्कर्षों के सार्वजनिक होने का इंतजार किया जा रहा है।