नई दिल्ली। भारतीय रेलवे की संसदीय स्थायी समिति ने भारतीय रेलवे को दुर्घटना मुक्त बनाने की सिफारिश की है। समिति ने हाल ही में रेलवे की आधुनिक सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ की सफलता पर प्रसन्नता जताते हुए इसके प्रसार को तेज करने को कहा है। समिति ने अगले चरण में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा के बीच की रेल लाइनों को कवच प्रणाली से लैस करने की सिफारिश की है, जिसे भारतीय रेलवे ने हरी झंडी दे दी है। यह कार्य वर्ष 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।

इसके साथ ही वर्ष 2023 तक रेलवे की सभी लाइनों का शत प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन करने का लक्ष्य रखा गया है। 30 जनवरी 2022 तक के लिए रेलवे ने छह हजार किमी का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे मार्च 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।

बताते चलें कि केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चार मार्च को दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल में लिंगमपल्ली-विकाराबाद सेक्शन पर गुल्लागुडा-चिटगिड्डा रेलवे स्टेशनों के बीच इसी ‘कवच’ कार्य प्रणाली की टेस्टिंग का इंस्पेक्शन किया। इस दौरान यह पाया गया था कि एक ही ट्रैक पर दौड़ रही दो गाड़ियां आपस में टकराने से रुक गईं, जबकि ड्राइवर ने रेड सिग्नल पार कर दिया था। अनजाने में हुई गलतियों और मानवीय चूक के मामलों में रेल दुर्घटना को इस कवच सिस्टम से रोका जा सकता है। इस मौके पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ वी.के. त्रिपाठी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इसे देखते हुए स्थायी समिति ने रेल सुरक्षा के लिए आवंटन बढ़ाकर इसे समूचे रेलवे में स्थापित करने की सिफारिश की है। इस सुरक्षा प्रणाली से ट्रेनों के बीच होने वाली टक्कर को जहां रोका जा सकता है, वहीं धुंध के समय भी ट्रेनों का संचालन सुचारु रूप से किया जा सकेगा। स्वचालित ट्रेन सुरक्षा और चेतावनी (एटीपी) की विकसित कवच प्रणाली को पहले चरण में 1200 किमी की ट्रैक पर स्थापित कर दिया गया है।

समिति ने अपनी सिफारिशों में इसे उच्च प्राथमिकता के साथ पूरे रेलवे में स्थापित करने को कहा है। भारतीय रेलवे ने अपने जवाब में समिति को बताया है कि सबसे पहले दिल्ली और मुंबई के बीच की रेलवे के स्टेशनों, सिग्नल टावरों, पटरियों और उस पर चलने वाली सभी ट्रेनों के इंजनों में यह सिस्टम स्थापित किया जाएगा। जबकि दूसरी लाइन दिल्ली से हावड़ा के बीच की है, जिस पर रेल यात्रियों का सबसे ज्यादा बोझ रहता है।

इन दोनों प्रमुख रेल लाइनों को कवच की सुरक्षा प्रणाली स्वचालित ट्रेन सुरक्षा और चेतावनी (एटीपी) से वर्ष 2024 तक लैस कर दिया जाएगा। इसके बाद इस सुरक्षा प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से जल्द से जल्द से पूरे क्षेत्रों और खंडों में लागू कर दिया जाएगा।