नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव 2022 में करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सक्रिय हो गई हैं। पहले उन्होंने जहां हारे हुए सभी राज्यों के अध्यक्षों के इस्तीफे मांग लिए। अब बुधवार को लोकसभा में सोशल मीडिया का मुद्दा उठाकर कांग्रेस की मौजूदगी का एहसास कराने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र को हैक करने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जा रहा है।

फेसबुक और ट्विटर जैसी वैश्विक कंपनियों का उपयोग नेताओं, राजनीतिक दलों द्वारा पॉलिटिकल नैरेटिव को आकार देने के लिए किया जा रहा है। भावनात्मक रूप से चार्ज की गई गलत सूचनाओं के जरिये लोगों के दिमाग नफरत से भरी जा रही है। एफबी जैसी प्रॉक्सी विज्ञापन कंपनियां इससे अवगत हैं और इससे मुनाफा कमा रही हैं।

सोनिया गांधी ने कहा कि मैं सरकार से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की चुनावी राजनीति में सोशल मीडिया कंपनियों के प्रभाव और हस्तक्षेप को खत्म करने का आग्रह करती हूं। यह पार्टियों और राजनीति से परे है। सत्ता में कोई भी हो, हमें अपने लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव को बचाए रखने की जरूरत है।

पांच राज्यों मिली करारी हार के बाद सोनिया गांधी सक्रिय हो गई हैं। एक दिन पहले हुए कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया है। हालांकि जी-23 में शामिल कपिल सिब्बल जैसे नेता खुलकर गांधी परिवार के खिलाफ बोल रहे हैं। कपिल सिब्बल ने कहा है कि कांग्रेस एक परिवार की पार्टी न रहे, यह सबकी पार्टी बनना चाहिए। इसके बाद पार्टी के अन्य नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ हो गए हैं।

अधीररंजन चौधरी ने कहा, जब तक कांग्रेस सत्ता में रही, कपिल सिब्बल को सब कुछ ठीक लग रहा था। वो हर अवसर का फायदा उठा रहे थे। अब कांग्रेस की मुखालफत कर रहे हैं।