रायपुर। विधानसभा में बजट सत्र का दूसरा दिन मंगलवार को हंगामेदार रहा। सदन में मंत्रियों की टिप्पणी पर सदस्यों की गरिमा को लेकर पक्ष-विपक्ष में टकराव के हालात बने रहे।

प्रश्नकाल के बाद विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विपक्ष में हमें अधिकार है नाराज़गी व्यक्त करने का, ग़ुस्सा करने का। हमें मंत्री सलीका ना सिखाए। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि शिवरतन शर्मा के सवाल पर तीन-तीन मंत्री खड़े होकर रोका-टोकी कर रहे थे।

उसके बाद जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जिस स्वस्थ परंपरा की बात बृजमोहन जी कह रहे हैं उसका स्वागत है, लेकिन अवमूल्यन विपक्ष के द्वारा किया जा रहा है ये दुःख की बात है। आज बृजमोहन अग्रवाल ने अमरजीत भगत से कहा सीमा के बाहर जा रहे हैं। तमीज़ नहीं है।

इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सदन में हम व्यक्तिगत मामलों पर हमला नहीं करते। मंत्री ने मेरे व्यक्तिगत मामलों पर टिप्पणी की थी। शिवरतन शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सदन के नेता जब खड़े होते हैं तो दूसरा कोई खड़ा नहीं होता, लेकिन नेता प्रतिपक्ष जब खड़े होकर कुछ कहते हैं तो कई-कई मंत्री टिप्पणी करते हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने शिवरतन शर्मा की टिप्पणी पर कहा कि वह अपनी सीट पर खड़े होकर आसंदी से अनुमति मांगते हैं, जबकि परंपरा है कि बैठकर हाथ उठाकर अनुमति मांगी जाती है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि आपत्तिजनक स्थिति सदन में निर्मित ना हो इस बात का हम सब ध्यान रखें। अनावश्यक हस्तक्षेप ना हो।

जिस पर आसंदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा की स्वस्थ परंपरा रही है। सदस्यों का इसके अनुरूप व्यवहार रहे। बता दें कि विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विधायकों ने सवालों की झड़ी लगा दी। इसी में एक मामला न्यूवोको सीमेंट संयंत्र से सल्फ़र डाई आक्साइड निकलने का रहा। सदन में इस पर सवाल-जवाब हुआ। पर मंत्री ने इस पर जांच कराने की जरूरत नहीं है कह दिया तो विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए।