भिलाई। शासन की महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के लिए महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया। जहां जानकारी दी गई कि एमडीएम में समूहों द्वारा तैयार खाद्य सामग्री का उपयोग किया जाना है। इसलिए इसके गुणवत्ता के महत्व को बताया गया।

कलेक्टर के निर्देशानुसार ग्राम चैतूखपरी में हुई कार्यशाला में स्कूलों में संचालित मध्यान्ह भोजन संचालनकर्ता समूह के अध्यक्षों व संकुल समन्वयकों की उपस्थिति में गौठान योजना द्वारा संचालित महिला समूहों से एमडीएम के लिए खाद्य सामग्री क्रय करने का तरीका बताया गया।

अधिकारियों ने कहा कि किसी भी आहार को तैयार करने में सफाई के साथ ही उनकी गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाना है। शरीर में लगने वाली ऐसी सामग्री में किसी भी तरह की लापरवाही किसी भी रूप में सहन नहीं की जाएगी। अच्छी सामग्री से ही खाने की चीजें तैयार की जानी है।

चैतूखपरी महिला समूह अनेक तरह की खाद्य सामग्री तैयार करते हैं। तेल, बड़ी, मिर्च, हल्दी, धनिया सहित अन्य मसाले, दाल आदि का उत्पादन किया जा रहा है, जिसकी प्रदर्शनी के साथ एमडीएम में उपयोग संबंधी जानकारी एमडीएम संचालनकर्ता समूहों के अध्यक्षों को दी गई। कार्यशाला में सभी ने प्रॉसेसिंग यूनिट व मशीनों से तैयार की जा रही सामग्री एवं गुणवत्ता का अवलोकन किया गया।

कार्यशाला में जिला पंचायत सदस्य एवं समृद्धि महिला समूह की मार्गदर्शक पुष्पा गौकरण वर्मा, विकासखंड शिक्षा अधिकारी फत्तेराम कोशरिया, बीआरसी महेंद्र श्रीवास्तव, एबीईओ प्रशांत चिरवर्तकर, कोऑर्डिनेटर आदित्य चंद्राकर, महिला समूह के अध्यक्ष, सचिव एवं डोंगरगढ़ विकासखण्ड के सभी सीएसी उपस्थित थे।

इस आयोजन में चैतूखपरी के समन्वयक मनोज कुमार वर्मा, रुवातला के समन्वयक लोमेन्द्र कुमार वर्मा, सिवनिकला समन्वयक भोजराम धुर्वे का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम समन्वयक इनायत अली, राजेन्द्र श्रीवास्तव, राजेश राजेकर, राजेन्द्र ठाकुर, फलेश साहू, प्रदीप वर्मा, महेंद्र कंवर, एमडीएम संचालनकर्ता समूह के अध्यक्ष, प्रधान पाठक, समृद्धि महिला समूह की सदस्य, PS/MS चैतूखपरी के शिक्षक आदि का सहयोग रहा।