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बिलासपुर। बिलासपुर जिले में अनुकंपा नियुक्ति घोटाला मामले में शामिल लोगों के नाम लगातार उजागर होते जा रहे हैं। इसकी कड़ी में एक और आरोपी का नाम जुड़ गया है। इस फर्जीवाड़े से अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले शिक्षा विभाग के एक और कर्मचारी को जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

मामले में शिक्षा विभाग के कर्मचारी जमुना प्रसाद देवांगन के निधन के बाद उनके बेटे चंद्रकांत देवांगन ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। विभाग की तरफ से आवेदन पर बिना पड़ताल किए ही अनुकंपा नियुक्ति दे दी।

अनुकंपा नियुक्ति के बाद चंद्रकांत को शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला करगीकला विकासखंड कोटा में सहायक ग्रेड-3 में नियुक्ति दे दी गयी। इसी बीच मुंगेली के आसरे तिवारी ने चंद्रकांत देवांगन की अनुकंपा नियुक्ति को गलत ठहराते हुए चुनौती दी। विभाग की तरफ से जांच की गयी तो चंद्रकांत देवांगन की नियुक्ति को विभाग ने अवैध पाया।

मामले के अनुसार 23 सितंबर 2019 के निर्देश के मुताबिक दिवंगत परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में हो तो उस परिवार में और किसी को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती है, जबकि चंद्रकांत देवांगन की बहन शिक्षा विभाग में ही पदस्थ थी। लिहाजा विभाग ने चंद्रकांत देवांगन की अनुकंपा नियुक्ति को अवैध मानते हुए उसे जवाब प्रस्तुत करने को कहा।

आवेदक के जवाब को विभाग ने संतोषप्रद नहीं पाया, जिसके बाद 10 जून 2021 को जारी किये नियुक्ति आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया। बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक ने मामले की जानकारी दी है।

डीईओ ने बताया कि शासन का अनुकंपा नियुक्त को लेकर स्पष्ट निर्देश है, लेकिन आवेदक ने आवेदन के वक्त उसका पालन नहीं किया। उसने परिवार में सदस्य के सरकारी नौकरी की बातों को भी छुपायी, इस मामले में जांच करायी गयी थी, हमने उन्हें नोटिस जारी किया था, लेकिन जवाब संतोषप्रद नहीं मिला, जिसके बाद हमने उनकी सेवा समाप्ति का आदेश दिया है।