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जगदलपुर। बस्तर दौरे में दो दिनों रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को संभाग स्तरीय पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में शामिल हुए। जहां सीएम ने आश्वस्त करते हुए कहा कि आरक्षण को लेकर किसी तरह का भ्रमित ना हों। डाटा एकत्र किए जा रहे हैं, उसे हाईकोर्ट में प्रस्तुत करेंगे।

लाल बाग मैदान में आयोजित सम्मेलन में पेसा कानून और आरक्षण को लेकर सीएम बघेल बस्तर की जनता को संबोधित कर रहे थे। पिछड़ा वर्ग की मांग थी कि उन्हें 27% आरक्षण दिया जाए। इस पर सीएम ने कहा कि इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगी हुई है। राज्य सरकार को इसका जवाब देना है। कई लोग बेवजह भ्रांतियां फैला रहे हैं। इसी दौरान नारेबाजी शुरू हो गई।

इधर पुलिस के अधिकारी ग्रामीणों को समझाने की कोशिश करते रहे। इस मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में प्रमुख रूप से पेसा कानून और आरक्षण के विषय में चर्चा हुई है। पेसा कानून को लेकर बहुत सी भ्रांतियां हैं। लोगों का कहना है कि प्रदेश स्तर पर जो संगठन बनेगा उसमें पिछड़ा वर्ग के लोगों को होना चाहिए, जबकि पेसा एक्ट में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। पेसा एक्ट में ग्राम सभा ही प्रमुख है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण में हाईकोर्ट में जो डाटा है उसे हम एकत्रित कर रहे हैं। जैसे ही पूरा डाटा इकट्ठा हो जाएगा हम उसे हाईकोर्ट में प्रस्तुत करेंगे। जिसके बाद यहां के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलना शुरू होगा। इस दौरान मीडिया ने सीएम से सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने कहा बहुत से लोग भ्रांतियां फैला रहे हैं। यह अच्छी बात है कि यहां के लोग अपनी बातों को कह रहे हैं और उसे साफ करने की आवश्यकता है।

सीएम ने कहा भ्रांति फैलाने वालों को खोजने की बजाए ग्रामीणों के बीच जाकर उन्हें इस मामले के बारे में समझाएं। पेसा कानून को ग्राम सभा में सबसे मजबूत इकाई माना गया है। और वहीं से गांव के बारे में सारी फैसले होते हैं, यह जानकारी हमें लोगों को देनी होगी।

शिक्षकों ने 85 किलो लड्डू से तौला
दौरे के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जगदलपुर के टाउन हॉल में आयोजित पुरानी पेंशन आभार सम्मेलन में पहुंचे। यहां छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने सीएम को तराजू के माध्यम से करीब 85 किलो लड्डुओं से तौला। मुख्यमंत्री ने टीचर्स एसोशिएसन से कहा कि हमने आपकी पीड़ा देखी थी। देश का भविष्य आप के हाथों में है। नौनिहालों को अच्छे से पढ़ाकर शिक्षित बनना है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने शिक्षकों की समस्याओं को समझा और उनकी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को पूरा कर दिया है।

इस दौरान सीएम ने कहा कि यह पहली ऐसी सरकार है जिसने व्यापारी, अधिकारी समेत सभी की समस्याओं को ध्यान में रखा और सभी की मांगों को पूरा कर खुशियां उनकी झोली में दे दी गई है। उन्होंने कहा कि उम्मीद नहीं थी कि सभी की मांगे पूरी होने के बाद उनमें इतना ज्यादा उत्साह होगा। छत्तीसगढ़ से शिक्षाकर्मी शब्द हट गया है। अब कोई शिक्षाकर्मी नहीं है। अब छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए पालकों का रुझान बढ़ा है। पिछले 2 सालों में 80 हजार नए छात्र-छात्राओं का एडमिशन हुआ है।