धरसींवा। शासकीय पण्डित श्यामाचरण शुक्ल महाविद्यालय धरसींवा के विद्यार्थियों को मंगलवार को साक्षात्कार के बारे में जानकारी दी गई। छात्र-छात्राओं को बताया गया कि किसी शख्सियत का साक्षात्कार लेने के पहले क्या तैयारी करनी चाहिए। इसके अलावा जब विद्यार्थी किसी संस्थान में इंटरव्यू देने जाएं तो वहां क्या सावधानियां बरतें। इस दौरान विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव भी साझा किए। छात्र-छात्राओं ने भी प्रयोग के तौर पर विशेषज्ञों का साक्षात्कार लिया।

पत्रकार डॉ. राकेश पांडेय तथा गीतकार, शायर व वरिष्ठ पत्रकार मयंक चतुर्वेदी मानस।

महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित 11 दिवसीय मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम के सातवें दिन विशेषज्ञों द्वारा छात्र-छात्राओं को साक्षात्कार के बारे में विषय में जानकारी दी गई। इसमें छत्तीसगढ़ के दो युवा पत्रकार डॉ. राकेश पांडेय विशेष संवाददाता दैनिक भास्कर तथा गीतकार, शायर व वरिष्ठ पत्रकार मयंक चतुर्वेदी मानस ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। डॉ. राकेश पांडेय ने प्रतिभागियों को बताया कि इंटरव्यू का मतलब होता है आंतरिक दृश्य। यानी इसके माध्यम से हम किसी के भीतर झांकने की कोशिश करते हैं। किसी मुद्दे या समस्या पर सामने वाले के क्या विचार हैं। उन्होंने बताया कि राजनीति, खेल या िफल्म इत्यादि क्षेत्र से जुड़ी किसी हस्ती का साक्षात्कार कैसे लिया जाता है। उन्होंने बताया कि साक्षात्कार लेने से पहले होमवर्क बेहद जरूरी है। हम जिस भी शख्सियत का इंटरव्यू लेने जा रहे हैं, उसके बारे में हमें पहले से जानकारी जुटा लेनी चाहिए। बगैर जानकारी के किसी भी तरह का सवाल करना मुश्किल होता है। यहां तक कि हमारे सवाल भी पहले से तय होने चाहिए। पहले से की गई तैयारी हमारे साक्षात्कार को बेहतर बनाती है।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मयंक चतुर्वेदी मानस ने साक्षात्कार देते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इंटरव्यू देते समय हमें अपने विचार रखने चाहिए, न कि सुनी-सुनाई बातों को बताना चाहिए। विचारों में नवीनता के साथ ही मौलिकता हो। हमारे विचारों से साक्षात्कार लेने वाले को लगना चाहिए कि न केवल आप प्रयोगवादी हैं, बल्कि नवीनता और बदलाव को स्वीकारते हुए आगे बढ़ रहे हैं। परंपरावादी सोच, सुनी-सुनाई या पहले से स्थापित बातें करके हम इंटरव्यू लेने वाले को प्रभावित नहीं कर सकते। नई सोच के साथ ही नए विषयों का अध्ययन हमें किसी साक्षात्कार में सफलता के ज्यादा करीब ले जाएगा। कार्यक्रम का संचालन हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ. सीएल साहू ने किया।

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