रायपुर। छत्‍तीसगढ़ सरकार की ओर से चलाई जा रही 108 संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस गंभीर मरीजों के लिए वरदान बनकर सामने आई है। आपात स्थिति में गंभीर मरीजों को निशुल्क अस्पतालों तक पहुंचाने में इसने काफी मदद की है। पिछले दो वर्षों में 5.87 लाख से अधिक मरीजों को एंबुलेंस से समय पर अस्पताल पहुंचाए जाने से लोगों की जान बची है।

इस एंबुलेंस सेवा से कोरोना महामारी के 69,759, आरटीए केस 63,745, प्रेग्नेंसी-चाइल्ड बर्थ लेबर पैन 62,062, आत्महत्या के प्रयास के 2,431, कार्डियक 286, पाइजनिंग 16,566, बुखार 41,143, उल्टी 16,052, दस्त 15,732, पेट दर्द 38,663 व अन्य जिनमें बेहोशी, डिहाइड्रेशन, फ्रेक्चर, बर्न असाल्ट, बैक पेन, सिर दर्द सहित अन्य बीमारियों के 2,61,482 मरीजों को निशुल्क और समय पर अस्पताल पहुंचाया गया।

वहीं, वर्ष 2019 से 2020 के दौरान तीन लाख लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उनमें से अधिकांश की जिंदगी बचाने में इस सेवा का अहम योगदान रहा। इस वर्ष भी संजीवनी एक्सप्रेस करीब तीन लाख से अधिक हितग्राहियों की जान बचा चुकी है। संजीवनी की टीम ने कोरोना महामारी के दौरान भी 69,759 लोगों को अस्पताल पहुंचाया था। कोरोना काल में भी एंबुलेंस के कर्मचारियों ने अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी से निभाया।

अपनी जान जोखिम में डालकर भी वे कोरोना के संक्रमित मरीजों को लेकर अस्पताल पहुंचे और समय पर इलाज मिलने की वजह से कई लोगों की जान बचा ली गई थी। बताते चलें कि राज्य सरकार की ओर से 108 संजीवनी एंबुलेंस के अलावा 102 महतारी सेवा भी चलाई जाती है। इस सुविधा की वजह से भी कई गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उनका सुरक्षित प्रसव कराया गया। वहीं, मार्ग में ही प्रसव होने की स्थिति में भी एंबुलेंस के कर्मचारियों ने मदद की और सुरक्षित प्रसव कराने में प्रसूताओं की मदद की।

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