रायपुर। भारत में किसानी को मौसमी जुंआ कहा जाता है। यह किसान की मेहनत के साथ ही मौसम की मेहरबानी पर निर्भर करता है कि उसकी फसल उगेगी या सूखा व अतिवर्षा के कारण बर्बाद हो जाएगी। मगर, अब किसानों को इस मुसीबत से बचाने के लिए सरकार की ओर से कृषि बीमा योजना शुरू की गई है। पहले भी कई किसानों ने इस सुविधा का लाभ लिया है और फसल बर्बाद होने के बाद भी उनके सामने आर्थिक संकट नहीं खड़ा हुआ है।

इस बार भी रबी वर्ष 2021-22 में किसान को अधिक से अधिक फसल बीमा का लाभ मिल सके, इसके लिए एक से सात दिसंबर तक फसल बीमा सप्ताह मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य फसलों के नुकसान, क्षति के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। राज्य में कृषि फसलों के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू कर दी गई है। प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हुए हैं।

सभी किसान हो सकते हैं शामिल 

बीमा योजना में सभी ऋणी और गैर ऋणी किसान स्वेच्छा से शामिल हो सकते हैं। किसानों को खरीफ और रबी मौसम में कृषि फसलों के लिए कुल बीमा राशि का दो फीसद और 1.50 फीसद और बागवानी फसलों के लिए पांच फीसद का भुगतान करना पड़ता है। प्रीमियम की शेष राशि का भुगतान केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा 50 फीसद के अनुपात में किया जाना है। यदि किसी भी वजह से किसान की फसल खराब होती है, तो उसे आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।

इस योजना में शामिल होने की आखिरी तारीख 15 दिसंबर है। इसलिए जिन किसानों ने अभी तक अपनी फसल का बीमा नहीं कराया है, वे इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। खरीफ धान में असिंचित धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, अरहर, मूंग व उड़द तथा रबी सीजन में सिंचित गेहूं, असिंचित गेहूं, चना, राइ-सरसों व अलसी को ग्राम स्तर पर फसल बीमा के लिए अधिसूचित किया गया है। साथ ही बागवानी फसल में टमाटर, बैगन, मक्का मिर्च, अदरक, अमरूद, केला, पपीता, फूलगोभी, पत्ता गोभी, प्याज और आलू की फसलों को अधिसूचित किया गया है।

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