रायपुर। बिरगांव नगरीय निकाय चुनाव में शुक्रवार को नामांकन दाखिले के अंतिम दिन 209  प्रत्याशियों ने अपना पर्चा दाखिल किया। भाजपा के 54, कांग्रेस के 46, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के 42, अन्य दल 20 और निर्दलीय 46 प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया है। आज शनिवार को नामांकन फार्म की संवीक्षा की जाएगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि 6 दिसंबर है। इसके बात चुनावी तस्वीर साफ हो जाएगी कि आखिर कौन-कौन प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। बिरगांव की करीब 80 हजार जनता इस बार अपने लिए अलगी सरकार का चयन करेगी। सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी समीकरण बना रही है।

चुनावी समीकरण की बात की जाए तो बिरगांव के 40 वार्ड में 80 हजार 441 मतदाता है. जिनमें पुरुषों की संख्या 43,627 और महिलाओं की संख्या 36,799 है। यानी एवरेज के हिसाब से बात की जाए तो हर वार्ड में करीब 2000 मतदाता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चूंकि हर वार्ड में त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है इसलिए जो प्रत्याशी 800 वोट तक पहुंच जाता है उसकी जीत लगभग सुनिश्चित मानी जा सकती है।

भाजपा ने पूर्व महापौर अंबिका को नहीं दी टिकट
भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस बार साहू प्रत्याशियों को दांव खेला गया है। भाजपा ने साहू मतदाताओं को साधन की कोशिश इस समाज के प्रत्याशियों को टिकट देकर की है। वहीं पूर्व महापौर अंबिका यदु को टिकट नहीं दिया गया। ऐसा माना जा रहा है कि एंटी इनकंबेंसीग की लहर के चलते उनकी टिकट कटी है। लेकिन अंबिका समर्थकों का कहना है कि पार्टी उन्हें टिकट दे रही थी, लेकिन उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की मशा पार्टी के समक्ष व्यक्त की। इसलिए उन्हें टिकट नहीं दिया है।

बिरगांव में जोगी कांग्रेस की अच्छी पकड़
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने भी बिरगांव की सत्ता में काबिज होने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की इस इलाके में अच्छी पकड़ मानी जाती रही है, लेकिन इस पकड़ को अमित जोगी कितना भुना पाते है यह तो समय ही बताएगा। जकांछ ने एवज देवांगन को महापौर का चेहरा बनाया गया है।

पिछले एक साल से कोई महापौर नहीं
कोरोना महामारी के कारण पिछले एक साल से चुनाव लंबित हुआ और इस दौरान यहां कोई महापौर नहीं है। इस दौरान यहां के विकास कार्य लगभग रुके हुए है।

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