नई दिल्ली। शहीदों की याद में पिछले 50 सालों से दिल्ली में स्थित इंडिया गेट पर जल रही ‘अमर जवान ज्‍योति’ 21 जनवरी 2022 की दोपहर 3.30 बजे बुझ जाएगी। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक यानी नेशनल वॉर मेमोरियल पर जल रही लौ में इसका विलय कर दिया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार शुक्रवार दोपहर अमर जवान ज्‍योति का एक हिस्‍सा नेशनल वॉर मेमोरियल ले जाया जाएगा। दोनों स्‍मारकों के बीच करीब आधा किलोमीटर की दूरी है।

बताते चलें कि 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया था। वहां पर देश के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं। बताते चलें कि इंडिया गेट को अंग्रेजों ने साल 1921 में उन 84,000 सैनिकों की याद में बनवाया था, जिन्होंने पहले विश्‍व युद्ध और बाद में अपने प्राणों की आहूति दी थी।

16 दिसंबर 1971 को भारत और पाकिस्‍तान के बीच चले युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद बांग्‍लादेश एक नए देश के रूप में दुनिया के सामने आया। इस दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारत के 3,843 वीर शहीदों की याद में अमर ज्‍योति जलाने का फैसला हुआ।

तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को भारत का 23वें गणतंत्र दिवस पर अमर जवान ज्‍योति का उद्घाटन किया था। अमर जवान ज्‍योति में काले मार्बल की फलक के चारों तरफ स्‍वर्णाक्षरों में ‘अमर जवान’ लिखा हुआ।

इसके ऊपर एक L1A1 सेल्‍फ लोडिंग राइफल रखी है और उस पर एक सैनिक का हेलमेट शहीद जवानों के सर्वोच्च बलिदान को प्रदर्शित करने के लिए रखा गया है। अमर जवान ज्‍योति पर सेना, वायुसेना और नौसेना के सैनिक तैनात रहते हैं।

बताते चलें कि 1971 के 2006 तक ज्‍योति जलाने के लिए LPG का इस्‍तेमाल किया जाता था, लेकिन अब इसे जलाने के लिए सीएनजी इस्‍तेमाल किया जा रहा है।

हर साल गणतंत्र दिवस परेड से पहले राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और अन्‍य गणमान्‍य हस्तियां अमर जवान ज्‍योति पर माल्‍यार्पण करती हैं। हर साल उन गुमनाम शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्‍होंने भारत की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

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