रायपुर। छेरछेरा पर्व और शाकम्भरी जयंती का छत्तीसगढ़ के जन जीवन में विशेष महत्व है। यह समृद्ध दानशीलता और सामाजिक समरसता का पर्व है। दान देने और ग्रहण करने का यह पर्व छोटे-बड़े के भेदभाव और अहंकार की भावना को समाप्त करता है। उक्त बातें कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर लभांडी (जोरा) में छत्तीसगढ़ राज्य शाकम्भरी बोर्ड के कार्यालय के शुभारंभ अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि मां शाकम्भरी का श्रृगांर सब्जी-भाजी से करके पूजा-अर्चना की जाती है।

मुख्यमंत्री ने छेरछेरा शाकम्भरी जयंती के अवसर पर राज्य में छुट्टी की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ में सब्जी-भाजी की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन और शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए शाकम्भरी बोर्ड का गठन किया गया है। अध्यक्ष रामकुमार पटेल सहित चार सदस्यों की नियुक्ति भी की गई है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य राज्य में साग-सब्जी, फल-फूल और मसाले की खेती को बढ़ावा देना तथा किसानों की माली हालत को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि सब्जी और फल का उत्पादन बढ़ने से सुपोषण बढ़ावा मिलेगा।

इस अवसर पर उन्होंने शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल, सदस्य सर्वश्री दुखवाराम पटेल, अनुराग पटेल, हरि पटेल, पवन पटेल, उद्यानिकी संचालक माथेश्वरन वी., बोर्ड के सचिव नारायण सिंह लावत्रे सहित उपस्थित लोगों को मां शाकम्भरी जयंती की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और मरार-पटेल समाज के पदाधिकारी व बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

मंत्री चौबे ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा राज्य में उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा देना है। उन्होंने शाकम्भरी बोर्ड के पदाधिकारियों से अपील की कि वह मुख्यमंत्री की मंशा को पूरा करने के लिए पूरे मनोयोग से जुट जाए। किसानों को उद्यानिकी खेती के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करें और उन्हें विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करें। मंत्री चौबे ने उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित नदी-कछार योजना के माध्यम से किसानों को साग-सब्जी की खेती से जोड़ने की अपील की।
शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में अनाज की खेती के साथ-साथ उद्यानिकी की खेती को प्रोत्साहन मिला है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में उद्यानिकी फसलों को शामिल करने तथा फल, फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रुपये की इनपुट सब्सिडी दिए जाने के निर्णय के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया। अध्यक्ष पटेल ने कहा कि शाकम्भरी बोर्ड का गठन और मां शाकम्भरी जयंती के लिए अवकाश घोषित कर मुख्यमंत्री ने मरार-पटेल समाज का मान बढ़ाया है।

इससे पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल सहित सभी पदाधिकारियों ने मां शाकम्भरी की पूजा-अर्चना की और हवन-पूजन में शामिल हुए। कार्यक्रम के प्रारंभ में मंत्री रविन्द्र चौबे सहित अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्यगणों ने इस मौके पर मंत्री श्री रविन्द्र चौबे को शॉल एवं मां शाकम्भरी का चित्र भेंटकर सम्मानित किया।