रायपुर। छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को प्रदर्शित करती झांकी की इन दिनों हर ओर चर्चा हो रही है। गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयनित होने के बाद से ही प्रदेश के लिए यह गर्व का विषय है। 23 जनवरी को छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की झांकी दिल्ली के राजपथ पर उतरी। गणतंत्र दिवस के पूर्व रविवार को राजपथ पर आयोजित  फुल ड्रेस रिहर्सल में ‘गोधन न्याय योजना’ पर आधारित छत्तीसगढ़ की झांकी एवं कलाकारों ने भाग लिया।

बता दें छत्तीसगढ़ की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना पर आधारित झांकी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाली परेड के लिए चयनित किया गया है। इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर परेड के लिए देशभर के 12 राज्यों की झांकियों को चयनित किया गया है। छत्तीसगढ सरकार की महत्वकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना पर आधारित झांकी देश के मुख्य समारोह की शान बनेगी।

छत्तीसगढ़ की झांकी की खास बातें

झांकी के आगे वाले हिस्से में गाय के गोबर को जमा कर उसे बेचने गोठानों में जाती ग्रामीण महिलाओं को दर्शाया गया है। यह महिलाएं छत्तीसगढ़ की पारंपरिक वेशभुषा में दिख रही हैं। इनमें से एक महिला गोबर के उत्पाद बनाती दिख रही है। गोठानों में सब्जी व फूलों की खेती को प्रदर्शित किया गया है। नीचे गोबर से बने दियो की सजावट दिखाई जाएगी। जो महिलाओं के स्वावलंबन का प्रतीक है।

झांकी के बीच वाले हिस्से में गाय को दर्शाया गया है। गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का केन्द्र बिंदु के रूप में दिखाया गया है। इसे केन्द्र में रखकर पर्यावरण सरंक्षण, जैवीक खेती, रोजगार के लक्ष्यों को हासिल करता दिखाया गया है। इसके अलावा प्रदेश में विकसित हो रही जल प्रणालियों को भी दिखाया गया है। झांकी में शिल्पकलाओं को भी प्रदर्शित किया गया है।

इसके अलावा झांकी में खुशहाल किसान की भित्ती चित्र शैली में दर्शाया गया है। इसके अलावा गोबर से बनी वस्तुओं व वार्मी कंपोस्ट तैयार करती महिलाओं को भी इस झांकी में जगह दी गई है। झांकी के आखिर में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के प्रारूप को दिखाया गया है। नई तकनीक के साथ मशीनों का किस प्रकार से ग्रामीण महिलाएं इस्तेमाल कर छोटे-छोटे उद्योग संचालित करते दिखाया गया है।