रायपुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में शिकायतों के निराकरण के लिए नियुक्त लोकपालों का मानदेय बढ़ाया गया है। इसका आदेश गुरुवार को जारी कर दिया गया है। अब उन्हें प्रति सिटिंग 2250 रुपए की दर से मानदेय मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में मनरेगा के तहत शिकायतों की जांच और सुनवाई के लिए लोकपाल की व्यवस्था है। प्रदेश में 28 जिलों के लिए 19 लोकपाल नियुक्त किए गये हैं। इतने लोकपाल सभी जिलों की सुनवाई करते हैं। इनका मानदेय शिकायतों की सुनवाई के लिए बैठने के दिन के हिसाब से तय है। सरकार ने मानदेय की अधिकतम सीमा 45 हजार रुपए महीने निर्धारित की है।

मनरेगा लोकपालों का बढ़ा हुआ मानदेय 23 दिसम्बर 2021 से ही प्रभावी होगा। राज्य मनरेगा आयुक्त मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने सभी जिलों के कलेक्टर-सह जिला कार्यक्रम समन्वयकों को परिपत्र जारी कर इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम में भ्रष्टाचार रोकने के लिए 14 नए लोकपालों की नियुक्ति की है। इन लोकपालों के रायपुर, बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर सहित 23 जिले अधिकार में हैं। ये लोकपाल मनरेगा के अधिनियम या अनुसूची में सुनिश्चित किसी पात्रता से वंचित करने जैसे एक या एक से अधिक विषयों पर शिकायत सुनते हैं।

बता दें कि इन क्षेत्रों के लोग मजदूरी भुगतान, भत्ते सहित अन्य शिकायतें इनसे कर सकते हैं। जहां स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच और सुनवाई होती है। कोरोना संकटकाल में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने में मनरेगा ने बड़ी भूमिका निभाई थी।

पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, इन लोकपालों की नियुक्ति दो वर्षों की अवधि के लिए की गई है। इसे अच्छे कार्य-प्रदर्शन के आधार पर, दो बार क्रमशः एक-एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। या फिर 68 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो के लिए लागू होगी।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कार्यों पर नजर रखने के लिए लोकपाल की नियुक्ति की जाती है। प्रति माह इन्हें मानदेय दिया जाता है। मनरेगा के कार्यों में होने वाली शिकायतों का निराकरण करने के लिए लोकपालों की नियुक्ति की जा रही है। इसमें सेवा निवृत्त सिविल सर्वेंट या शिक्षाविद इसमें आवेदन कर सकते हैं। बशर्ते वह किसी राजनीतिक दल या प्रतिबंधित संगठन के सदस्य न हो।

लोकपाल सुनते हैं ये शिकायतें
कोई भी नागरिक मनरेगा के क्रियान्वयन में कमी का आरोप लगाते हुए ग्राम सभा की बैठक व उसकी कार्यवाही विवरण का संधारण।
परिवारों का पंजीकरण और जॉब कार्ड जारी करना, जॉब कार्ड की अभिरक्षा (कस्टडी)
काम की मांग, काम की मांग का आवेदन देने की रसीद।
मजदूरी का भुगतान, बेरोजगारी भत्ता का भुगतान, विलंबित मजदूरी भुगतान के लिए मुआवजा का भुगतान।
लिंग के आधार पर भेदभाव, कार्य स्थल पर सुविधाएं, काम का मापन, कार्य की गुणवत्ता, श्रम विस्थापन मशीनों का उपयोग, ठेकेदारों को लगाना।
बैंक या डाक घरों में खातों का संचालन, शिकायतों का पंजीकरण व निपटारा
मस्टर रोल का सत्यापन, दस्तावेजों का सत्यापन।
निधियों का उपयोग, निधियों की मुक्ति (रिलीज)।
सामाजिक अंकेक्षण के माध्यम से सामने लाई गई कोई कपटपूर्ण गतिविधि, रिकार्ड का रखरखाव व संधारण।