दुर्ग। चिटफंड और अवैध खनन को लेकर सोमवार को कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बैठक ली। इस दौरान अवैध खनन व चिटफंड कंपिनयों के शिकार लोगों को राहत पहुंचाने पर चर्चा की गई। अवैध खनन को लेकर माइनिंग टास्क फोर्स के साथ बैठक में कलेक्टर भुरे कहा कि रेत तस्करों पर विभाग तालमेल बनाकर कार्रवाई करें। इस बात का ध्यान रखा जाए कि जिले में अवैध खनन की किसी प्रकार की शिकायत नहीं आनी चाहिए।

बैठक में कलेक्टर और एसपी ने कहा कि खनिज विभाग पुलिस के साथ बेहतर तालमेल बनाए और रेत तस्करों पर कार्रवाई करें। बैठक में खनिज अधिकारी दीपक मिश्रा ने बताया कि अवैध खनन व परिवहन को लेकर विभाग सतर्क है। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि पड़ोसी जिलों से भी गाड़ियों का आवागमन होता है इसलिए पासिंग जोन पर विशेष रूप से नजर रखें।

खनिज अधिकारी ने बताया कि कुम्हारी, अंडा, तरीघाट और रानीतराई में अवैध परिवहन पर नजर रखी जा रही है। वहीं बैठक में आरटीओ अनुभव शर्मा ने ओवरलोडिंग जैसे मामलों पर आरटीओ का दस्ता पूरी तरह नजर रखे हुए है। कलेक्टर ने बड़े निर्माण स्थलों पर रेत के स्टॉक पर भी नजर रखने कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्माण कार्यों में बड़ी तादात पर अवैध रूप से रेत पहुंचाई जाती है।

चिटफंड कंपनियों के निवेशकों को मिले राहत

इधर कलेक्टर ने चिटफंड कंपनियों के निवेशकों को राहत देने अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि  निवेशकों ने बड़ी संख्या में राहत के लिए आवेदन कलेक्ट्रेट में लगाये हैं। बैठक में एडीएम नूपुर राशि पन्ना ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 125 कंपनियों को नोटिस के लिए चिन्हांकित किया गया है। इसमें रायपुर-दुर्ग-भिलाई-बिलासपुर की 29 कंपनियां शामिल हैं।

कलेक्टर ने इन सभी कंपनियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। एसएसपी मीणा ने कहा कि इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा इससे संबंधित जानकारियां प्राथमिकता से उपलब्ध कराया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि चिटफंड निवेशकों के आवेदनों पर जल्द कार्रवाई की जानी है। इसके लिए नियुक्त नोडल अधिकारी नियुक्त तेजी से कार्रवाई करें ताकि निवेशकों को राहत दिया जा सके।