हैदराबाद। कोरोना की फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट और कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट बनाकर बेचने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दरअसल, कहीं भी बाहर जाने के लिए लोगों को अपना वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी हो गया है। इसी का फायदा उठाकर दोनों आरोपी लगातार फर्जीवाड़े में लगे हुए थे।

डिप्टी पुलिस कमिश्नर चक्रवर्ती गुम्मी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों शख्स में से एक पी लक्ष्मण डायग्नोस्टिक सेंटर में लैब टेक्निशियन के तौर पर काम करता था।

एक साल पहले उसने मलकपेट के आसमान घाट में अपना डायग्नोस्टिक सेंटर खोला और मेडिक्स पैथलैब्स इंडिया के साथ अनुबंध किया था। यहां वह लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजता था।

कोरोना महामारी में दौरान अधिक रुपए लेकर लोगों को नकली आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट देता था। आरोपी लक्ष्मण लोगों की नाक से और मुंह से सैंपल न लेकर लैब में डम्मी किट भेजता था, जिसमें रिपोर्ट नेगेटिव आती थी। इससे नकली रिपोर्ट वाला सर्टिफिकेट मिल जाता था।

पुलिस ने लक्ष्मण के पास से 65 फर्जी आरटीपीसीआर सर्टिफिकेट, 20 सैंपल कलेक्शन किट और एक मोबाइल फोन बरामद किया।

आसिफ नगर का रहने वाला दूसरे आरोपी तारिक हबीब ने 2018 में मेडिकल लैब टेक्नालाजी में डिप्लोमा हासिल किया। एक साल पहले आसिफनगर स्थित मुरादनगर में अपना डायग्नोस्टिक सेंटर शुरू किया और फिर कई लैब के साथ टाई अप होकर वहां से सैंपल लाकर टेस्ट करता था।

वह भी बिना वैक्सीन लगवाए हुए लोगों को भी वैक्सिनेशन का सर्टिफिकेट दे देता था। इसके लिए वह 800 रुपये से 1000 रुपये तक लेता था।

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