बालोद। लौहनगरी दल्लीराजहरा में अंतर्जिला नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए सम्मेलन हुआ। जहां तीन जिले की पुलिस शामिल हुई। इस दौरन नक्सलियों को कमजोर करने पर अधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखे। वहीं रणनीति बनाकर संयुक्त रूप से योजना साझा की। खासकर सूचना तंत्र मजबूत करने पर जोर दिया गया।

पुलिस अधीक्षक बालोद सदानंद कुमार के मार्गदर्शन में बुधवार को लौहनगरी दल्लीराजहरा में हुए अन्तर्जिला नक्सल उन्मूलन अभियान सम्मेलन की अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोद डीआर पोर्ते ने की।

बैठक में नक्सलियों के विरुद्ध रणनीति में कहा गया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का पूरी तरह सफाया करना है। इसके लिए खासकर तीन जिलों में अभियान चलाना है। इसकी तैयारी पर रणनीति तैयार की गई।

तीन जिलों की जुटी पुलिस के सम्मेलन में अधिकारियों ने अपनी बात रखते हुए कहा एकजुट होकर कार्यवाही करेंगे तो हमें अच्छी सफलता मिलेगी। इसके लिए आपसी समन्वय बढ़ाना आवश्यक है।

बैठक में नक्सलियों के शहरी तंत्र को तोड़ने के लिए सूचना तंत्र को मजबूत करते हुए जानकारी संकलन करने और सुरक्षा बलों के बीच साझा करने पर जोर दिया गया। समय समय पर संयुक्त ऑपरेशन करने की आवश्यकता बताई गई। इस दौरान नक्सल मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई।

बता दें कि जिला बालोद का सरहदी जिला राजनांदगांव एवं कांकेर जिला नक्सल दृष्टिकोण से अत्यधिक संवेदनशील है। बालोद जिले के थाना डौंडी व महामाया, जिला कांकेर से तथा थाना महामाया, मंगचुआ, डौंडीलोहारा राजनांदगांव जिला से जुड़ा हुआ है। सरहदी थाना होने से नक्सलियों की सक्रियता की संभावना बनी रहती है। इस दौरान मामले में तीनों जिले के अधिकारियों ने पूर्ण सहयोग करने की सहमति जताई।

इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मानपुर पुपलेश कुमार, नगर पुलिस अधीक्षक राजहरा मनोज तिर्की, उप पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) कांकेर अमृत कुजूर, उप पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) बालोद बोनिफास एक्का, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस भानुप्रतापपुर प्रशांत पैकरा, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अंतागढ़ अमर सिदार, आईटीबीपी के सहायक सेनानी जोगेंद्र सिंह, मृगेंन तालुकदार, प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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