बीजापुर। इंद्रावती नदी पर पुल निर्माण कार्य में लगे अपहृत इंजीनियर और उनके सहयोगी को नक्सलियों ने छोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के बेदरे थाना क्षेत्र से 5 दिनों पहले उनका अपहरण कर लिया गया था। इस खबर से उनके परिवार के साथ प्रशासन को बड़ी राहत मिली है।

बता दें कि बीजापुर जिले के इंद्रावती नदी पर पुल निर्माण का काम चल रहा है। जहां इंजीनियर अशोक पवार और मजदूर आनंद यादव निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इसी दौरान मौके के इंतजार में छिपे नक्सलियों ने दोनों को दबोच लिया और अपने साथ ले गए थे। बता दें कि नक्सली शुरू से पुल निर्माण का विरोध कर रहे हैं।

इधर पति के अपहरण हो जाने की सूचना के बाद से पत्नी सोनाली परेशान थी। अंत में पत्नी ने घटना स्थल पहुंच कर बेटी के साथ नक्सलियों से पति को छोड़ने की अपील की थी। वहीं इंजीनियर की बेटी का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें मासूम ने पीएम मोदी से उनकी रिहाई के लिए पहल करने की बात कही थी। इस दौरान पत्नी लगातार जंगल की खाक छानते हुए माओवादियों से पति के जान की दया मांग रही थी।

रोते हुए सोनाली ने कहा था कि जब तक उनके पति को रिहा नहीं कर दिया जाता तब तक वो बेदरे में ही रहेंगी। सोनाली तीन दिनों से दिनभर बेदरे में खड़ी नदी की दूसरी ओर ताकती रहती थी कि कहीं से उसका पति दिख जाए या कोई खबर लेकर आएगा।

सोनाली की अपील काम आई और नक्सलियों ने उनके इंजीनियर पति को सकुशल छोड़ दिया। बीजापुर के एसपी कमलोचन कश्यप ने मामले में जानकारी दी कि नक्सलियों ने इंजीनियर अशोक पवार और राज मिस्त्री आनंद यादव को मंगलवार रात 9.30 बजे रिहा कर दिया है। जानकारी के मुताबिक माओवादियों से छूटने के बाद से इंजीनियर अशोक पवार और मजदूर आनंद यादव दोनों बेदरे सीआरपीएफ कैम्प में मौजूद हैं।

मामले में प्रदेश के प्रमुख आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने भी नक्सलियों से दोनों अपहृतों को रिहा करने की अपील की। साय ने कहा है कि ऐसे निर्दोष लोगों का अपहरण कर कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा था कि वे किसी भी मुद्दे पर सरकार से चर्चा कर सकते हैं।