ढाका। बांग्लादेश में इस्लामिक चरमपंथी हाजी शफीउल्लाह के नेतृत्व में एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया है। करीब 200 से अधिक इस्लामिक चरमपंथियों ने ढाका के वारी इलाके में इस्कॉन मंदिर पर हमला करके उसे नष्ट कर दिया। हमलावर कई मूर्तियों को तोड़ने के साथ ही कई मूर्तियों को अपने साथ ले गए। मंदिर को लूटने के साथ ही वहां मौजूद भक्तों को घायल भी कर दिया गया। इस मामले में भारतीय उच्चायोग ने स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ हिंदू संगठनों और अधिकारियों से संपर्क किया है।

इस्कॉन मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) अमानी कृष्ण दास ने बताया कि इस्कान राधाकांत जीव मंदिर 222 में वारी में लाल मोहन साह स्ट्रीट पर हाजी शफीउल्लाह के नेतृत्व में 200 से अधिक चरमपंथियों ने हमलाकर तोड़फोड़ और लूटपाट की। कई मूर्तियों को भी हमलावर अपने साथ उठा ले गए।

दास ने बताया कि हमला 17 मार्च की रात आठ बजे किया था। हमलावरों ने सुमंत्र चंद्र श्रवण, निहार हलदर और राजीव भद्रम के साथ ही मंदिर में मौजूद भक्तों को भी बुरी तरह पीटा। सभी को ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

हमले के चश्मदीद रासमणि केशवदास ने कहा कि शफीउल्लाह कई सालों से धमकी दे रहा था और उन्हें मंदिर छोड़ने के लिए कह रहा था। दास ने कहा कि शफीउल्लाह ने पैसे देने की भी बात कही थी। उसके सहयोगी इशराफ सूफी ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी। दास ने कहा कि पुलिस के सामने भी कट्टरपंथी हमले करते रहे और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। अभी तक इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

बताते चलें कि बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। अक्सर कट्टरपंथी मुस्लिम चरमपंथी हिंदुओं और हिंदू मंदिरों को निशाना बनाते हैं। पिछले साल 16 अक्टूबर को नोआखली के इस्कॉन मंदिर पर हमला कर तोड़फोड़ की गई थी। 13 अक्टूबर 2021 को कुमिला में एक दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान के अपमान की अफवाह फैलाकर तोड़फोड़ की गई थी, जिसके बाद कई जिलों में हिंसा फैल गई थी और कई हिंदुओं के घर में लूट-पाट की गई थी।