नई दिल्ली। पिछले चार महीनों से पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई इजाफा नहीं हुआ है। मगर, पांच राज्यों में हो रहे चुनाव के बाद निश्चिततौर पर पेट्रोल के दाम बढ़ने वाले हैं। दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से क्रूड ऑयल की कीमत पिछले 14 साल में पहली बार 130 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुके हैं। ऐसे में यह तय माना पेट्रोल और डीजल के दाम बहुत तेजी से बढ़ेंगे। इसका सीधा असर आपके परिवहन खर्च बढ़ने के साथ ही रसोई तक के खर्च में इजाफे के रूप में देखने को मिलेगा। डीजल के महंगे होने का मतलब है कि हर चीज की माल-ढुलाई में इजाफा होना।

बताया जा रहा है कि चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम में 12 रुपए प्रति लीटर तक का इजाफा हो सकता है। वैश्विक बाजारों में ईरानी कच्चे तेल की संभावित वापसी में देरी के कारण तेल की कीमतें 2008 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। संयुक्त राज्य और यूरोपीय सहयोगी रूसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। इसका असर भी क्रूड ऑयल के दाम में देखने को मिलेगा, जिससे उसकी कीमत और बढ़ सकती है।

कहा जा रहा है कि सरकारी तेल कंपनियां 7 मार्च को या उसके बाद मौजूदा कीमतों में संशोधन करेगी क्योंकि इसी दिन यूपी में आखिरी चरण की वोटिंग हो रही है। हालांकि, उत्पाद शुल्क में कटौती से पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर असर कुछ हद तक कम हो सकता है, लेकिन पूरी तरह से नहीं। फिलहाल भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चे तेल खरीदता है। इसके अलावा, उच्च ईंधन लागत का व्यापक प्रभाव एक सामान्य मुद्रास्फीति को गति देगा।