सीना डेस्क। 10वीं कक्षा की परीक्षा के प्रश्न-पत्रों को लीक होने से रोकने के लिए पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड इस बार बेहद कड़ा कदम उठाने जा रहा है। नए नियम के मुताबिक परीक्षा शुरू होने के बाद सवा घंटे तक किसी भी परीक्षार्थी को शौचालय नहीं जाने दिया जाएगा।

छह लाख 21 हजार से अधिक लड़कियां और करीब चार लाख 96 हजार लड़के सात से 16 मार्च तक कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में सम्मलित होंगे। बोर्ड का मानना है कि प्रश्न-पत्र मुख्य तौर पर शौचालय जाने के समय ही वाट्सएप एवं अन्य माध्यमों के जरिये लीक किए जाते हैं। दूसरी तरफ परीक्षार्थियों के कुछ अभिभावकों ने इसका अभी से विरोध शुरू कर दिया है।

विरोध करने वालों का कहना है कि इस तरह किसी को शौचालय जाने से रोकना गलत है। इससे किसी परीक्षार्थी की तबीयत खराब हो सकती है। शौच एक स्वाभाविक शारीरिक प्रक्रिया है, जिस पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। इस बाबत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय से फोन पर संपर्क करने पर उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।

गौरतलब है कि इससे पहले माध्यमिक परीक्षा शुरू होने के 45 मिनट बाद ही किसी परीक्षार्थी को शौचालय जाने की अनुमति देने का नियम था, लेकिन इसके अनुपालन को लेकर बहुत ज्यादा सख्ती नहीं की जाती थी। इस बार बोर्ड का रुख कड़ा है।

परीक्षा को लेकर और भी नियम
पहले की तरह ही परीक्षा कक्ष में मोबाइल, स्मार्ट वाच और किसी भी तरह के इलेक्ट्रानिक गैजेट के साथ प्रवेश वर्जित रहेगा। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी पर जोर दिया जा रहा है। परीक्षार्थी पारदर्शी बोर्ड या क्लिप बोर्ड अपने साथ ले जा सकते हैं। वे अपने पास पानी की बोतल, मास्क और सैनिटाइजर भी रख सकते हैं।

तनाव में बार-बार बाथरूम जाने की जरूरत पड़ती है
इस मामले में मनोचिकित्सक तानिया देब का कहना है कि परीक्षा के समय तनाव के कारण कुछ परीक्षार्थियों को बार-बार शौच जाने की जरूरत पड़ जाती है। नए नियम के मद्देनजर बेहतर यही होगा कि परीक्षा में बैठने से ठीक पहले परीक्षार्थी शौचालय होकर जाएं।