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रायपुर। निजी स्कूलों ने नियम विरुद्ध मनमाने तरीके से स्कूल फ़ीस लेने की शिकायत हुई थी। जांच के बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की है। नोडल अधिकारी ने स्कूलों को नोटिस जारी किया है।

स्कूल फ़ीस वृद्धि मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग एक्शन में आया। 8 प्रतिशत ज़्यादा फ़ीस वृद्धि करने का मामला उजागर होने के बाद संज्ञान लेते हुए जांच के लिए विभाग ने 8 टीम गठित की है।

जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने बताया कि होलीक्रॉस स्कूल शैलेंद्र नगर कोई भी दस्तावेज़ नहीं दे पाया। होलीक्रॉस स्कूल बैरन बाज़ार रायपुर के नर्सरी, कक्षा ग्यारहवीं, कक्षा बारहवीं में 8 प्रतिशत अधिक शुल्क वृद्धि की गई है।

फ़ीस वृद्धि का अनुमोदन नोडल अधिकारी से भी नहीं कराया गया है। शंकरा उच्चतर माध्यमिक शाला उरकुरा रायपुर में बच्चों की दर्ज संख्या की तुलना में अधिक पाई गई है।

आइडियल पब्लिक स्कूल में प्रयोगशाला नहीं है। स्कूल में कक्षा की कमी पाई गई है। कमी पाने के बाद सभी स्कूलों को तत्काल नोटिस देते हुए तमाम दस्तावेज़ लेकर उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।

साथ ही इन स्कूलों के नोडल अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया गया है। जांच दल ने 6 निजी स्कूलों का निरीक्षण किया है। जहां कई लापरवाही देखने को मिली है।

बता दें कि कोरोनाकाल से उबरे पालकों ने निजी स्कूलों के अधिक फीस वसूली की शिकायत की थी। राजधानी रायपुर सहित पूरी प्रदेश में मामला जिला शिक्षा अधिकारी सहित राज्य के अधिकारियों तक पहुंचा था। राजधानी रायपुर के होली क्रास में व अंबिकापुर सहित कई शहरों में पालकों ने फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

उसके बाद राज्य सरकार ने स्कूलों की मनमानी पर कड़ाई से रोक लगाने के लिए सभी कलेक्टरों को जिला स्तरीय फीस विनियमन समितियों का गठन करने कहा था।छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम-2020 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने कलेक्टरों से कहा है कि वे अपने जिले के सभी निजी स्कूलों के फीस के संबंध में जानकारी प्राप्त करें। गड़बड़ी पाए जाने पर अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत आवश्यक कार्यवाही करें, जिससे निजी विद्यालयों द्वारा अनियंत्रित तरीके से फीस न बढ़ाई जाए। अधिक फीस को लेकर पालकों को कठिनाई का सामना न करना पड़े। कलेक्टरों को संदर्भित पत्रों के साथ अधिनियम तथा अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए अधिनियमों की छायाप्रति भी भेजी है।