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रायपुर। कोरोना की वापसी को देखते हुए फिर चिंता बढ़ रही है। ऐसे में वायरस से बचाव के लिए बचाव के उपायों पर तेजी से काम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में 12+ के बच्चों को अब घर-घर में जाकर कोरोना का टीका लगाया जाएगा।

इसका कारण ये है कि ग्रीष्मकालीन छुट्टी लगने की वजह से कोरोना से लड़ाई के लिए रणनीति बदली गई है। 2 मई से प्रतिदिन सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक इसके लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।

बता दें कि प्रदेश में स्कूलों में ग्रीष्मकालीन छुट्टी 24 तारीख से घोषित की जा चुकी है, जिसके बाद स्कूलों में टीकाकरण नहीं के बराबर हो रहा था। ऐसे में शत-प्रतिशत टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने दो मई से घर-घर टीकाकरण करने का निर्णय लिया है। इस आयु वर्ग यानि 12 से 14 वर्ष के बच्चों के शत-प्रतिशत टीकाकरण करने के लिए कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के मद्देनज़र फैसला लिया गया है।

टीकाकरण का यह अभियान 2 मई से प्रतिदिन सुबह 7 से दोपहर 12 तक चलाया जाएगा। गौरतलब है कि इस आयु वर्ग के प्रदेश में 13 लाख से ज़्यादा बच्चे हैं, जिसमें अब तक 56% बच्चों को कोरोना टीका का पहला डोज़ लगाया जा चुका है।

इधर देखें तो संक्रमण से बचाव के लिए छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग लगातार योजना के तहत काम कर रहा है। प्रदेश में कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा चार करोड़ को पार कर गया है। प्रदेश भर में अब तक कुल चार करोड़ 20 हजार 099 टीके लगाए गए जा चुके हैं।

इन आंकड़ों में से दो करोड़ 17 लाख 26 हजार 571 टीके प्रथम डोज के रूप में, दो करोड़ 78 लाख 27 हजार 71 द्वितीय डोज के रूप में और चार लाख 66 हजार 457 टीके प्रिकॉशन डोज के तौर पर लगाए गए हैं।

बच्चों का टीकाकरण अभियान भी तेजी से जारी है। प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक की 86 प्रतिशत आबादी को कोरोना से बचाव का दोनों टीका लगाया जा चुका है। वहीं 15 वर्ष से 18 वर्ष के 50 प्रतिशत किशोरों को इसके दोनों टीके लग चुके हैं। प्रदेश में 12 वर्ष से 14 वर्ष के 45 हजार 661 बच्चों को भी दोनों टीका लगाया जा चुका है।

राज्य में 18 वर्ष से अधिक के एक करोड़ 69 लाख 65 हजार 270 नागरिकों और 15 वर्ष से 18 वर्ष के आठ लाख 16 हजार 140 किशोरों को कोरोना से बचाव के लिए टीके की दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं।