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रायपुर। बंद योजना में फर्जी हितग्राही के नाम पर सरकारी खजाने में आर्थिक गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है। शिकायत के बाद सीईओ भी हैरान है। वहीं कलेक्टर ने मामले की जांच कराने की बात कही है।

यह फर्जीवाड़ा प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के नाम पर आरंग के गांवों में सामने आया है। जहां फर्जी तरीके से पंचायत और ग्रामीणों को गुमराह कर उन्हें झांसे में लिया जा रहा है।

शकायत में दी जानकारी उनुसार कम्प्यूटर ऑपरेट गांव-गांव जाकर फर्जी हितग्राही तैयार कर रहे हैं। जो प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। मामले में लोगों का एक वीडियो सामने आया। उसके बाद फर्जीवाड़ा का भांडा फूटा है। आरंग जनपद के लखौली पंचायत में इस मामले की शिकायत गांव के ही किसान नेता ने अधिकारियों के साथ पीएमओ में कर दी है।

शिकायतकर्ता गजेन्द्र कोसले के मुताबिक गांवों में इन दिनों प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए आधार पंजीयन और ईकेवाईसी को अपडेट किया जा रहा है। इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग बंद हो चुके पीएमजी दिशा (प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान) को फर्जी तरीके से संचालित कर रहे हैं। शिकायकर्ता का आरोप है कि भिलाई निवासी राकेश वर्मा जो कि पीएमजी दिशा सेंटर का संचालक है, के ऑपरेटर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं। 2019 का पत्र दिखाकर ऑपरेटर सरपंचों को बोलकर गांवों में मुनादी कराते हैं और ग्रामीणों को बुलाकर योजना के नाम पर फर्जी हितग्राही तैयार करते हैं।

गजेन्द्र का कहना है कि सरपंच इस संबंध में जब दस्तावेज की मांग करते हैं, तो ऑपरेटर दो-तीन साल पुराना जनपद पंचायत का लेटर दिखाते हैं। सरपंच जब पुराना लेटर होने की बात कहते हैं तो ऑपरेटर उन्हें जनपद पंचायत सीईओ आरंग किरण कौशिक से बात करा देते हैं। सीईओ कहते हैं कि उनको (ऑपरेटर) काम करने दीजिए, जिसके बाद सरपंच गांव में मुनादी करा देते हैं कि आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लेकर आना है। इससे लोगों में यह भ्रम फैल जाता है कि गांव में आधार कार्ड से मोबाइल नंबर लिंक करने वाले आए हैं, जिससे उनका पीएम किसान में केवाईसी हो जाएगा।

इसी भ्रम में लोग भारी संख्या में पीएमजी दिशा में पंजीकृत हो जाते हैं और 15 दिन बाद हितग्राहियों को बगैर किसी भी प्रकार का ट्रेनिंग दिए लैपटॉप में एक्सटर्नल कैमरा लगाकर कैमरे के सामने बैठा कर उनका एग्जाम ऑपरेटर देते हैं। इस दौरान लोगों को यह भ्रम होता है कि उनका ई केवाईसी कंप्लीट हो गया और ऐसे समझने वाले किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत ईकेवाईसी से वंचित हो चुके हैं वह हो रहा है।

गजेन्द्र बताता है कि गांवों में पीएमजी दिशा के नाम पर पंजीयन करने वाले ऑपरेटर इस तरह से पंचायतों और लोगों को गुमराह करते हैं-
2019 में जनपद पंचायत आरंग द्वारा जारी किए गए पत्र (जो कि आपरेटर द्वारा सरपंच को दिखाया जाता है)
पीएमजी दिशा के द्वितीय बार प्रारंभ होने का पत्र (जो किया ऑपरेटरों द्वारा दिखाया जाता है)
ऑपरेटर आईडी जिसमें हितग्राहियों का पंजीयन किया जाता है।

गजेन्द्र ने आगे बताया कि इस संबंध में 29 मार्च को नए सीएससी डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुनील पांडे से बात हुई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में सुकमा जिले को छोड़कर शेष सभी जिलों में पीएमजी दिशा बंद है। यदि कोई भी पीएमजी दिशा संचालक ऑपरेटर किसी भी जिला में इस योजना में काम करते पाया जाता है, तो उसके सामान को जप्त कर उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

30 मार्च 2022 को ग्राम पंचायत लखोली में राकेश वर्मा भिलाई के द्वारा भेजे गए ऑपरेटर 15 से 20 दिन पूर्व पीएमजी दिशा में पंजीयन किए थे, उसी दौरान अनेक किसानों ने फोन से संपर्क कर लखोली में आधार पंजीयन हो रहा है यह सूचना दिए थे, जो कि पीएमजी दिशा में पंजीयन था। उसके बाद एग्जाम कंडक्ट करा रहे थे एक्सटर्नल कैमरे के सामने हितग्राही को सामने बिठा कर ऑपरेटर स्वयं एग्जाम दे रहे थे। इसकी सूचना प्राप्त होने पर घटनास्थल पर जाकर फोटो व वीडियोग्राफी की गई।

उसके बाद सीएससी के नए डिस्ट्रिक्ट मैनेजर रायपुर सुनील पांडे को सूचित किया गया। उसके बाद सुनील पांडे द्वारा ऑपरेटरों को तत्काल काम बंद कर राकेश वर्मा को रायपुर कलेक्ट्रेट में आकर मुलाकात करने को बोला गया। इसके कुछ दिन पहले ही ग्राम पंचायत गुजरा में मुनादी कराकर लोगों को इस योजना में पंजीकृत कर उनका एग्जाम भी कंडक्ट कर लिया गया और लोग यह समझ रहे थे कि उनके आधार में मोबाइल नंबर अपडेट हो गया।

इसी दौरान 2 सप्ताह पूर्व ग्राम पंचायत देवदा में भी राकेश वर्मा के ऑपरेटर पहुंचे थे। लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी पर इन लोगों से विस्तृत जानकारी लेने पर ही आखिर में इन्हें बताना पड़ा कि आधार में मोबाइल नंबर जोड़ नहीं रहे हैं। जहां जागरूक जनप्रतिनिधि व सचिव की उपस्थिति के कारण वहां पर फर्जीवाड़ा नहीं कर पाए। इस दौरान ग्राम पंचायत देवादा के सरपंच प्रतिनिधि से चर्चा हुई, उन्होंने सीईओ जनपद पंचायत आरंग से पीएमजी दिशा में पंजीकरण के लिए अनुमति प्रदान करने बोला गया था।

पीएमओ में शिकायत कर किसान नेता गजेन्द्र कोसले का आरोप है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को टेक्निकल बातें नहीं पता होता। गलत जानकारी दी जा रही है। पीएमजी दिशा में पंजीकृत होने वाले लोगों को पता ही नहीं है कि क्या योजना है और उनके साथ क्या हो रहा है?।

शिकायत में बताया गया कि इसमें प्रति हितग्राही 350 रुपए शासन से संबंधित ऑपरेटर को प्राप्त होता है। इस प्रकार एक गांव में यदि 1000 लोगों का भी पंजीयन कर उसका सफलतापूर्वक एग्जाम कंडक्ट करा देते हैं, तो वहां से 3.50 लाख रुपए एक ही गांव से प्राप्त कर सकता है। यहां एक गांव का मामला नहीं है, बल्कि देवादा, भिलाई, कुंडा(टेकारी), चपरीद, कोडापार, कुरूद, कुटेला, मोहमेला, अमसेना, अमोदी, गुमा, देवरी, घोंट, गुखेरा जैसे कई गांवों से ऐसी शिकायतें आई हैं। ऐसे में यह मामला लाखों रुपए के फर्जीवाड़े का हो सकता है। मामले की जांच कर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

जपं सीईओ बोले- नहीं हो सकता संचालन
मामले में आरंग जनपद पंचायत सीईओ किरण कौशिक का कहना है कि रायपुर जिले में प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान बंद हो चुका है। 2019 से यह अभियान बंद है। ऐसे में इसका संचालन नहीं हो सकता। अभी गांवों में पीएम किसान सम्मान निधि के लिए आधार लिंक करने का काम चल रहा है, अगर कहीं कोई इसकी आड़ में फर्जीवाड़ा करे तो इसकी गंभीरता से जांच की जाएगी।

कलेक्टर बोले- रायपुर में बंद है योजना
रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार का कहना है उन्हें इस संबंध में ाधिकारिक जानकारी नहीं है। पीएमजी दिशा योजना सीएससी के माध्यम से संचालित होता है। फिलहाल, रायपुर में यह योजना बंद है। आपके माध्यम से फर्जी तरीके से संचालन की जानकारी मिली है। संबंधित विभाग से इसकी जांच कराई जाएगी।