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बिलासपुर। मदनवाड़ा जांच आयोग के फैसले के खिलाफ आईपीएम मुकेश गुप्ता द्वारा लगाई गई याचिका पर हाईकोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट मंगलवार को आईपीएस मुकेश गुप्ता को कोई राहत नहीं दी है। वहीं अदालत ने  सरकार को भी नोटिस भेजकर इस मामले में जवाब तलब किया है। कोर्ट ने इसकी अगली सुनवाई 8 सप्ताह बाद की तय की है।

बता दें कि राजनांदगांव के मदनवाड़ा गांव के पास 12 जुलाई 2009 को पुलिस पार्टी पर नक्सलियों ने हमला किया था। नक्सलियों ने घात लगाकर पुलिस पार्टी पर हमला किया था। इस हमले में उस समय के राजनांदगांव एसपी विनोद चौबे व उनके साथ 29 जवान शहीद हो गए थे। प्रदेश में यह पहला मौका था जब नक्सली हमले में एक आईपीएस अधिकारी शहीद हो गए।

इस हमले की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस शंभू नाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था। कुछ दिन पहले ही जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्य शासन को दे दी। रिपोर्ट में कहा गया कि नक्सली हमले के दौरान तात्कालीन दुर्ग रेंज के आईजी निलंबित IPS मुकेश गुप्ता की भूमिका संदिग्ध है। इस हमले के लिए आयोग ने उन्हें भी दोषी माना है।

आयोग के इस फैसले के खिलाफ निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता ने याचिका लगाई थी। मुकेश गुप्ता ने अधिवक्ता गैरी मुखोपाध्याय के माध्यम से आयोग के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। निलंबित IPS मुकेश गुप्ता वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि जांच आयोग ने एक पक्षीय फैसला दिया है, जो संविधान के खिलाफ है। उन्होंने याचिकाकर्ता को सुनवाई का मौका दिए जाने की बात कही। जस्टिस ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया है।