रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार गोधन न्याय योजना एक बार फिर साराही गई। इसे राष्ट्रीय स्तर पर एलेट्स एनोवेशन अवार्ड (Elets Innovations Award) से सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली में आयोजित एलेट्स आत्म निर्भर भारत समिट में मंगलवार को एलेट्स टेक्नोमीडिया प्राईवेट लिमिटेड के संस्थापक डॉ. रवि गुप्ता व टेक्सटाइल मंत्रालय भारत सरकार के सचिव यूपी सिंह ने संयुक्त रूप से यह अवार्ड दिया।

बता दें इससे पहले छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना को पर्यावरण संरक्षण और सतत् विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए ’स्कॉच गोल्ड अवार्ड’ मिल चुका है। स्कॉच ग्रुप द्वारा छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को 20 मार्च 2021 को नई दिल्ली में यह अवार्ड दिया गया था। सीएम भूपेश बघेल की पहल पर 20 जुलाई 2020 हरेली पर्व से छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना शुरू की गई थी। इस योजना में पशुपालकों और ग्रामीणों से 2 रुपए प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदी की जा रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार के लिए यह अवार्ड संयुक्त संचालक आरएल खरे ने प्राप्त किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस उपलब्धि के लिए गोधन न्याय योजना से जुड़ के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित प्रदेश के किसानों, गोठान समितियों व महिला समूहों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही है, अपितु अवार्डस् के माध्यम से इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी मिल रही है।

एलेट्स आत्म निर्भर भारत समिट गोधन न्याय योजना के संयुक्त संचालक आरएस खरे ने कहा कि मात्र 20 माह की अवधि में इस योजना की खूबियों और लाभ ने देश- दुनिया का ध्यान छत्तीसगढ़ की ओर खींचा है। गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच और उनकी ही पहल का परिणाम है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में बीते 3 सालों में खेती-किसानी के क्षेत्र में कई अभिनव प्रयोग और बदलाव हुए हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और कार्यक्रमों के चलते खेती-किसानी समृद्ध हुई है और किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है। उन्होंने कहा कि पशुधन संरक्षण और संवर्धन फसल एवं पर्यावरण की सुरक्षा, छुट्टा पशुओं पर नियंत्रण, गोबर विक्रय से ग्रामीणों एवं पशुपालकों को आय, वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट एवं अन्य उत्पाद से महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार एवं आय का जरिया मिला है। इस योजना से डेयरी एवं पशुपालन को बढ़ावा मिलने के साथ ही दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होने लगी है।