cinanews.in

खैरागढ़। सीएम भूपेश बघेल ने खैरागढ़ को जिला बनाने की जो घोषणा की है, उसने खैरागढ़ उपचुनाव को लगभग एकतरफा कर दिया है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में खैरागढ़ को जिला बनाने की घोषणा ऐसे ही नहीं की है। कांग्रेस को पता था कि जिला मुख्यालय से काफी दूर होने के कारण खैरागढ़ और आसपास के लोगों को कितनी परेशानी होती है।

खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को मिलाकर एक नया जिला बनाने की घोषणा यहां के चुनाव के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है। इसके कारण यहां के वोटर्स का झुकाव कांग्रेस की ओर दिख रहा है। खैरागढ़ जिला बनता है तो यहां के लोगों को क्या फायदा होगा प्वाइंट टू प्वाइंट समझे।

सबसे पहले यह जान लें कि खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति क्या है। कहने को तो यह एक विधानसभा है लेकिन इसमें 400 से अधिक छोटे-बड़े गांव शामिल हैं। खैरागढ़ व छुईखदान की आबादी 3.50 लाख से ज्यादा है। खैरागढ़ विधानसभा का दायरा भी काफी बड़ा है। इस लिहाज से यहां चुनाव काफी पेचीदगी भरा है। चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं को एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में ही घंटों लग जाते हैं।

जिला बनना क्यों है महत्वपूर्ण
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को जिला बनाना क्यों महत्वपूर्ण है, यह यहां के लोग ही बता रहे हैं। वर्तमान में यह तीनों नगर राजनांदगांव जिले में आते हैं। खैरागढ़ से राजनांदगांव की दूरी 43 किमी है। वहीं छुईखदान की राजनांदगांव से दूरी 55 किमी है तो गंडई की राजनांदगांव जिला मुख्यालय से दूरी 75 किमी है। लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए इतना लंबा सफर तय करना पड़ता है।

जानें क्या कहते हैं लोग
खैरागढ़ के बुद्धिजीवियों का कहना है कि जिले की मांग काफी पुरानी है। खैरागढ़, छुईखदान व गंडई के लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए राजनांदगांव तक जाना पड़ता है। यह खर्चीला होने के साथ-साथ समय की बर्बादी वाला भी है। यदि किसी काम से लोग यहां पहुंचते हैं तो पूरा दिन निकल जाता है। सुबह जल्दी निकलना और शाम तक काम होने की गारंटी भी नहीं है।

लोगों का मानना है कि खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को मिलाकर जिला बनाए जाने से लोगों को राजनांदगांव तक जाने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। खैरागढ़ से छुईखदान व गंडई की दूरी 12 से 25 किमी है। किसी भी काम के लिए आसपास के गांव वालों को इतना लंबा सफर तय करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा लोगों को इस बात की भी उम्मीद है कि उनक काम आसानी से होंगे।

क्या काम करेगा सीएम बघेल का दांव
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या खैरागढ़ विधानसभा में सीएम भूपेश बघेल का दांव काम करेगा। इसे लेकर भी लोग एकमत हैं। सीएम बघेल के वादे की गांव-गांव में चर्चा है। इसका सीधा असर वोटर्स पर पड़ता दिख रहा है। सीएम बघेल अपनी सभाओं में बार-बार इस बात को दोहरा रहे हैं कि 16 को कांग्रेस की जीत होगी और 17 को खैरागढ़ जिला बनेगा। सीएम बघेल का यह एक बड़ा वादा है जो यहां के चुनाव का एक बड़ा मुद्दा बन गया है जो कांग्रेस को जीत की ओर ले जाती दिख रही है।