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बिलासपुर। कचांदुर स्थित चंदुलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में सरकार द्वारा की जा रही भर्तियों पर हाईकोर्ट को स्टे हट गया है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि चंदुलाल मेडिकल कॉलेज को सरकार ने अधिग्रहित किया है, इसलिए नियमानुसार भर्तियां होना जरूरी है। निजी कर्मचारियों को सीधे नियुक्ति नहीं दी जा सकती।

बता दें चंदुलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कचांदुर भिलाई-दुर्ग के लिए विभिन्न पदों पर नियुक्तियों के लिए सरकार ने विज्ञापन जारी किया था। सरकार द्वारा विज्ञापन जारी करने के बाद जन स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कर्मचारी संघ की ओर से देवराज साहू व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

याचिका में कहा गया कि मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद से वहां कई कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। सरकार द्वारा नई भर्तियां करने से लगभग 101 कर्मचारियों का रोजगार छिन जाएगा। इन कर्मचारियों को मेडिकल कॉलेज मे नियमित नियुक्तियां देने की मांग संगठन द्वारा की गई। इनकी याचिका को देखते हुए हाईकोर्ट ने सरकारी भर्तियों पर रोक लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा था।

सरकार का जवाब मिलने के बाद हटाया स्टे

हाईकोर्ट के नोटिस के बाद सरकार ने इसका जवाब दिया है। सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने जवाब प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यह अधिग्रहण अधिनियम संविधान के अनुरूप बनाया गया है। पहले  चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल कॉलेज प्राइवेट संस्थान था और इसमें सभी निजी कर्मचारी कार्यरत थे। सरकार द्वारा अधिग्रहण करने के बाद इन कर्मचारियों को सीधे संविलयन नहीं किया जा सकता।

उप महाधिवक्ता संदीप दुबे जवाब देते हुए कहा कि चुंकि चंदुलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अब सरकार के अधिग्रहण में आ गया है इसलिए अब यह शासन के नियमानुसार ही संचालित होगा। इसके लिए नियमानुसार ही कर्मचारियों की भर्ती की जानी है। सरकार का जवान सुनने के बाद हाईकोर्ट ने भी यह माना और चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी की डिवीजन बेंच ने भर्ती पर लगी रोक हटाने का फैसला किया।