दक्षिण कन्नड़। कहते हैं फिल्म समाज का आईना होती हैं। कुछ फिल्में समाज को जागरुक भी करती हैं। इन्हीं में से एक फिल्म है द कश्मीर फाइल्स, जिसने लोगों को कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार को भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के सामने ला दिया है। इसे देखकर कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक शैक्षणिक संस्थान ने बड़ी घोषणा की है।

दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर तालुक में स्थित अंबिका महाविद्यालय ने यह प्रस्ताव रखा है कि वह उन कश्मीरी पंडितों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगा, जो अपने मूल निवास से विस्थापित होकर देश में कहीं और बस गए हैं। संस्थान के संयोजक सुब्रमण्यम नट्टोज ने पुत्तूर में मीडिया के सामने यह घोषणा करते हुए कहा कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखने के बाद कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा से दुखी है। इसके बाद ही उन्होंने अपना फैसला लिया।

अब तक चार बच्चों का प्रवेश
नट्टोज ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया और स्थिति का जायजा लेने के बाद सभी विस्थापित कश्मीरी पंडितों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का फैसला किया। उन्होंने कश्मीरी पंडित छात्रों को छठी कक्षा से स्नातक तक मुफ्त शिक्षा प्रदान करने की योजना बनाई है और छात्रों के लिए मुफ्त छात्रावास सुविधा की भी घोषणा की है।
नट्टोज ने कहा कि अब तक कश्मीरी पंडितों के चार बच्चों ने संस्थान में प्रवेश लिया है। संस्थान अन्य छात्रों से भी प्रवेश लेने की अपील कर रहा है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी कई कश्मीरी पंडितों के बच्चे यहां पढ़ने आएंगे।

द कश्मीर फाइल्स
निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स 11 मार्च को रिलीज हुई थी। छोटे बजट की इस फिल्म को समीक्षकों के साथ दर्शकों की ओर से भी अच्छी प्रतिक्रिया मिली और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस में जबरदस्त कलेक्शन किया। ‘द कश्मीर फाइल्स’ की कहानी 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार पर आधारित है।

अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार, भाषा सुंबली, चिन्मय मांडलेकर, पुनीत इस्सर, प्रकाश बेलावड़ी, अतुल श्रीवास्तव जैसे कलाकारों ने फिल्म में बेहतरीन अभिनय किया है। फिल्म को देशभर में 630 से ज्यादा स्क्रीन्स मिले हैं। ‘द कश्मीर फाइल्स’ को जी स्टूडियोज, तेज नारायण अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल, पल्लवी जोशी और विवेक अग्निहोत्री ने मिलकर प्रोड्यूस किया है।