सीआईएनए, भिलाई। छात्रों को लोन देने के लिए इंस्टेंट पॉकेट मनी एप में इस्वेस्ट कराने व बैंकों में जमा सोना सस्ते दामों मे खरीदका बाहर महंगे दामों में बेचने का झांसा देकर 40 लाख से ज्यादा की ठगी करने वाले 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्ता किया है। इन आरोपियों सेक्टर 1 के एक शख्स को उल्लु बनाया था। इस मामले में एक आरोपी फरार है। शनिवार को एसपी अभिषेक पल्लव ने इस मामले का खुलासा किया।

इस मामले में 14 अप्रैल को सेक्टर-1 निवासी जय प्रकाश चौहान ने भिलाई भट्‌टी में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि भिलाई निवासी शेखर पसीने, सतना मप्र निवासी पंकज वर्मा, मुस्कान गुप्ता, रायपुर निवासी अदनान शेख व शारिक खान ने इंस्टेंट पॉकेट मनी ऐप में निवेश करने का झांसा दिया। साथ ही बैंक में गिरवी पड़े गोल्ड को बैंक से खरीदकर बाहर बाजार में महंगे दाम में बेचने का झांसा दिया।

ठगों ने मोटे मुनाफे का लालच दिखाया। झांसे में आकर 21 दिसंबर 2019 से 20 जून 2021 के बीच कुल 40 लाख 58 हजार रुपए इन्वेस्ट करा लिए। शिकायत के बाद भट्‌टी पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज की। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया।

इस मामले में पुलिस ने आरोपियो की तलाश शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने पहले बैंक खातों की डिटेल के जरिए आरोपियों की पता साजी शुरू की। ठगों के अलग-अलग मोबाइल नंबर के डिटेल्स निकालकर उनकी तलाश शुरू की गई। इस दौरान पुलिस को इनमें एक ठग शेखर पसीने का सुराग मिला जो कि बिलासपुर में रह रहा था। इसके बाद पुलिस को पंकज वर्मा, मुस्कान गुप्ता एवं अदनान शेख के रायपुर में होने का पता चला।

आरोपियों का सुराग मिलने के बाद पुलिस की दो टीमों ने बिलासपुर और रायपुर में दबिश दी। दोनों ही जगहों से पुलिस ने शेखर पसीने, पंकज वर्मा, मुस्कान गुप्ता एवं अदनान शेख को गिरफ्तार कर लिया। एक आरोपी शारीक खान अब भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

शार्ट टर्म लोन दिलाने का दिया था झांसा
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इंस्टेंट पॉकेट मनी एए के द्वारा छात्रों को शार्ट टर्म लोन दिलाने के नाम से उसमे पैसा निवेश कराकर ठगी थी। इनमें से एक अदनान शेख बैंक कर्मी है और आरोपियों ने प्रार्थी को इससे मिलाकर बैंक का सोना सस्ते दामों में खरीदकर बाहर महंगे दामों में बेचने का झांसा दिया। पुलिस ने फिलहाल आरोपियों के बैंक अकाउंट में रखे पैसों को होल्ड करा दिया है ताकि आरोपी कोई लेनदेन न कर सके।