सीआईएनए, जांजगीर-चांपा। करीब 105 घंटों के भागीरथी प्रयास के बाद बोरवेल के गड्ढे में गिरे 11 साल के मासूम राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। जैसे ही राहुल बाहर आया मौके पर मौजूद अफसरों के चेहरे खिल गए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राहुल के बचाव कार्य में बड़ी संख्या में प्रशासन और पुलिस के अधिकारी जुटे हुए थे। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के अलावा सेना भी बचाव कार्य में मदद कर रही थी।

पिहरीद गांव में 10 जून को 11 साल का राहुल घर के पास बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। बच्चे के गिरने के करीब तीन घंटे बाद परिजनों को हादसे की जानकारी हुई। हादसे की सूचना मिलने पर कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला और पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल घटनास्थल पर पहुंच गए। बोरवेल में राहुल 60 फीट पर फंस गया था। राहुल के बचाव के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ ही सेना की भी मदद ली जा रही थी।

आड़े आई चट्‌टान की बाधा
राहुल के रेस्क्यू में चट्‌टान बड़ी बाधा बना। जब सुरंग बनाई जा रही थी तो बीच में चट्‌टान आने से उसे तोड़ने के लिए सोमवार  को देर रात तक मशक्कत करनी पड़ी। बिलासपुर से बड़ी ड्रिल मशीन मंगाई गई और उससे चट्टान को तोड़ने का काम शुरू किया गया। दिनभर केी मेहनत के बाद देर रात तक चट्‌टान तोड़ते रहे। यह क्रम मंगलवार की सुबह भी जारी रहा। चट्‌टान टूटने के बाद मलबा हटाना भी रेस्क्यू टीम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। इस दौरान यह भी देखना था कि राहुल को नुकसान न पहुंचे।

राहुल के दिखते ही सीएम भूपेश बघेल ने किया ट्विट
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल के दिखते ही ट्विट किया है। उन्होंने कहा कि राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन के खत्म होने का समय आ गया है। जांजगीर से सूचना आ रही है कि चट्टानों को हटाने के बाद अब बचाव दल बोरवेल तक पहुंच गया है और राहुल नजर आने लगा है। बता दें राहुल को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अफसरों के लगातार संपर्क में थे।

मुख्यमंत्री ने राहुल के परिजनों से भी बात की थी और उन्हें राहुल की सकुशल वापसी का भरोसा दिलाया था। सीएम के निर्देश के बाद मौके पर प्रशासन के अफसरों के साथ बड़ी संख्या में बचाव कर्मी काम में जुट गए थे। इनमें 4 आईएएस, 2 आईपीएस, 5 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 4 एसडीओपी, 5 तहसीलदार, 8 टीआई व 120 पुलिसकर्मियों के साथ पीडब्ल्यूडी और पीएचई के ईई, सीएमएचओ, के अलावा एनडीआरएफ के 32 और एसडीआरएफ से 15 अधिकारी-कर्मचारी मौके पर मौजूद थे। इसके अलावा सेना के मेजर गौतम सूरी के साथ 4 सदस्यीय टीम भी घटनास्थल पर मदद कर रही थी।