जगदलपुर। बस्तर को मलेरिया से मुक्त करने के लिए आज से अभियान को छठवां चरण शुरू किया गया है। इस दौरान बस्तर संभाग में टीबी, मोतियाबिंद और स्केबीज की भी जांच की जा रही है। जानकारी के अनुसार जांच के दौरान मलेरिया पॉजिटिव पाए गए पांच हजार 37 मरीजों का मौके पर ही इलाज शुरू किया गया। जानकारी के अनुसार छठवें चरण की जांच के दौरान अब तक पॉजिटिव पाए गए 40 प्रतिशत मरीजों में मलेरिया के लक्षण दिखाई दे रहे थे, जबकि 60 प्रतिशत में इसके कोई लक्षण नहीं थे।

बिना लक्षण वाले मरीज रिजर्वायर के रूप में समुदाय में रहते हैं। अलाक्षणिक मलेरिया एनीमिया और कुपोषण का भी कारण बनता है। बस्तर संभाग के सातों जिलों में 16 जून तक अभियान चलेगा। महामारी नियंत्रक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि बस्तर में अब तक 24 लाख 33 हजार 182 लोगों की जांच की गई है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि जांच में अब तक बस्तर जिले में 740, बीजापुर में 935, दंतेवाड़ा में 859, कांकेर में 127, कोंडागांव में 238, सुकमा में 356 और नारायणपुर में 1782 लोग मलेरियाग्रस्त पाए गए।

सभी जिलों तेजी से चल रही जांच

अभियान में टीबी के लक्षणों के आधार पर संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। बस्तर जिले में 261, बीजापुर में 233, दंतेवाड़ा में 172, कांकेर में 492, कोंडागांव में 437, सुकमा में 231 और नारायणपुर में 213 संदेहास्पद मरीजों की पहचान की गई। इसमें से एक हजार 728 मरीजों के बलगम की जांच कराई गई, जिसमें 64 टीबी पॉजिटिव पाए गए।

 

जिला                मलेरिया जांच
बस्तर               6 लाख 56 हजार 245
बीजापुर           2 लाख 4 हजार 494
दंतेवाड़ा           2 लाख 13 हजार 561
कांकेर             5 लाख 21 हजार 804
कोंडागांव        5 लाख 31 हजार 791
सुकमा            1 लाख 98 हजार 377
नारायणपुर    एक लाख 6 हजार 910

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