प्रशांत कुशवाहा/सुरभि वर्मा

सीआईएनए न्यूज़, रायपुर। अगर आप सोचते हैं कि दिल्ली, कानपुर जैसे शहर ही देश के प्रदूषित शहर हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं। अपने वन क्षेत्र के लिए देशभर में पहचाने जाने वाले छत्तीसगढ़ की फिजां भी अब जहरीली हो चली है। राज्य के तीन प्रमुख शहरों रायपुर, भिलाई और बिलासपुर में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) का स्तर खतरनाक है। इन तीनों शहरों में से बिलासपुर की हालत ज्यादा ख़राब है।

एक्यूवेदर डॉट कॉम के अनुसार छत्तीसगढ़ की हवा बेहद जहरीले स्तर की ओर बढ़ रही है। एयर क्वालिटी इंडेक्स जो 49 तक सामान्य माना जाता है, वह 150 को भी पार कर गया है। एयर क्वालिटी के मामले में बिलासपुर का आंकड़ा डराने वाला है। बिलासपुर में गुरुवार को AQI 176 पॉइंट तक पहुँच गया। राजधानी रायपुर की स्थिति कमोबेश ऐसी ही दर्ज की गई। यहाँ AQI 158 रही। राज्य के तीसरे प्रमुख शहर भिलाई में यह आंकड़ा 158 दर्ज किया गया।

निर्धारित से ज्यादा स्तर के मायने क्या
अगर AQI का स्तर 49 पॉइंट से ज्यादा होता है तो यह सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। यदि स्तर 99 के अंक को पार है तो इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मन जाता है। 149 के स्तर को पार कर जाने पर यह हमारी सेहत के लिए और भी ज्यादा हानिकारक हो जाता है। चिंता की बात ये है कि राज्य के तीनों ही शहरों में यह 150 से ज्यादा है। हवा में प्रदूषण के इस स्तर पर पहुंचने के बाद मास्क लगाना बेहद जरूरी है। ऐसा न करने पर साॅंस लेने में कठिनाई और गले में जलन महसूस हो सकती है।

हवा में तैरते कण भी चार गुना बड़े
बात केवल हवा में प्रदूषण तक सीमित नहीं है, हवा में मौजूद कण भी चार गुना बड़े हैं। एक्यूवेदर डॉट कॉम के अनुसार अगर हवा में मौजूद कण 2.5 माइक्रोमीटर व्यास से ज्यादा के हैं तो ये हमारे श्वसन तंत्र में फंस सकते हैं। लेकिन अगर इन तीन शहरों की हवा में मौजूद कणों की बात की जाये तो इनका साइज 10 माइक्रोमीटर तक है।

ऐसे बचें इस समस्या से
इस ख़राब हवा के चलते लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है एवं स्किन एलर्जी जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं, ऐसे में लोगों को बाहर निकलने से बचना चाहिए। जरूरी काम पड़ने पर स्किन को ढंककर निकलना चाहिए और मास्क अनिवार्य रूप से लगाना चाहिए।

पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर की डॉ. माधुरी वर्मा के अनुसार AQI बढ़ने का कारण इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज़ का तीनों शहरों में बढ़ना है। वातावरण में कार्बन के पार्टिकल्स बढ़ गए हैं। इससे तापमान में भी अधिक वृद्धि हो गई है। कार्बन पार्टिकल्स हीट अब्सॉर्ब करते हैं और वातावरण में तापमान बढ़ाते हैं। इससे बचने के लिए कार्बन को कम करना होगा। लेकिन इंडस्ट्रियल एरिया की वजह से यह संभव नहीं है।