सीआईएनए डेस्क। भारत देश का इतिहास वैज्ञानिक खोजों से भरा पड़ा हैं शून्य और दशमलव कि खोज हमारे देश में ही हुई थी। भारत के युवा टेक्नोलॉजी और नए अविष्कारों के मामले में पहले भी आगे थे और आज भी सबसे आगे हैं। अपनी खोज और शोध से दुनिया को कुछ देले वाले भारतीयों को गूगल अपने खास तरीके से याद करता है। इसी क्रम में आज गूगल ने एक खास डूडल (Doodle) बना कर सत्येन्द्र नाथ बोस को याद किया। सत्येन्द्र नाथ बोस एक भारतीय मैथेमैटिशियन और थेओरिटिकल फिजिक्स के वैज्ञानिक थे।

सत्येन्द्र नाथ बोस का जन्म 1 जनवरी 1894 को हुआ था। उन्हें 1920 के दशक में क्वांटम मैकेनिक्स की फील्ड में दिए योगदान के लिए याद किया जाता है। आज गूगल ने डूडल के माध्यम विज्ञान में बहुमूल्य योगदान देने पर बोस को श्रद्धांजलि दी। सत्येन्द्र नाथ बोस को बोसॉन का जनक भी कहा जाता हैं। इनका निधन 4 फरवरी 1974 को कोलकाता में हुआ था।

सत्येन्द्र नाथ बोस के बारे में कहा जाता है कि खुद अल्बर्ट आइंस्टीन भी इनके फैन थे। इंटरमीडिएट की गणित की परीक्षा में सवालों के अलग-अलग तरह से जवाब देने पर उन्हें 100 में से 110 नंबर मिले थे। बोस को बोस-आइंस्टीन केंडेनसेंट और बोस-आइंस्टीन स्टेटिस्टिक सिद्धांत के लिए भी जाना जाता है। इन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल कर 1915 में गणित में एमएससी परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। भौतिकी में इनके योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्म विभूषण अवॉर्ड से सम्मनित किया था।