रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 84 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे। जिसमें 15 जून से 30 जून तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 3.69 करोड़ रूपए भुगतान, गौठान समितियों को 4.31 करोड़ और महिला समूहों को 2.84 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं। गोधन न्याय योजना अंतर्गत अब तक हितग्राहियों को 283 करोड़ 10 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। आज 10.84 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 293 करोड़ 94 लाख रूपए हो जाएगा।

गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। गौठानों में 15 जून तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 147.06 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। 07 जुलाई को गोबर विक्रेताओं को 3.69 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 150.75 करोड़ रूपए हो जाएगा। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 136.04 करोड़ रूपए राशि की भुगतान किया जा चुका है। 07 जुलाई को गौठान समितियों को 4.31 करोड़ तथा स्व-सहायता समूह को 2.84 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 143.19 करोड़ रूपए हो जाएगा।

गौठानों में महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय गोबर से बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है। महिला समूहों द्वारा 16 लाख 43 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 5 लाख 14 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 18 हजार 924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर प्रदाय किया जा रहा है।

महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं। गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 72 करोड़ 19 लाख रूपए की आय हो चुकी हैं। राज्य में गौठानों से 13,969 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 82,874 है। गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है।