रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज से रोका-छेका अभियान शुरू हो रहा है। दरअसल, खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिए हर साल की तरह इस साल भी यह अभियान शुरू हो रहा है। इस दौरान फसल को चराई से बचाने के लिए पशुओं को गौठान में लाने इस अभियान की मुनादी कराई जाएगी। गौठानों में शिविर लगाकर पशुओं के स्वास्थ्य की जांच, पशु नस्ल सुधार करने बधियाकरण, कृत्रिम गर्भधान एवं टीकाकरण किया जाएगा।

इस अभियान के बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि रोका-छेका हमारी पुरानी परंपरा है। राज्य में बीते सालों में भी यह अभियान चलाया गया था, इसका परिणाम उत्साहजनक रहा। इसलिए 10 से 20 जुलाई तक यह अभियान पुनः चलाया जाएगा। उन्होंने इसकी सफलता के लिए किसानों एवं पशुपालकों से सहयोग की अपील की है। राज्य में खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो गई है। सीएम ने कहा कि हम सब जानते है कि फसलों की बुवाई के बाद किसानों की सबसे बड़ी चिन्ता फसलों की देखभाल और उसकी सुरक्षा की होती है।

फसलों की सुरक्षा के लिए रोका-छेका का अभियान महत्वपूर्ण साबित हो रहा है, इससे हमारी फसल और पशुधन दोनों सुरक्षित रहेंगे। हम अपने पशुओं को खुले में चराई के लिए नहीं छोड़ने का संकल्प लेते हैं, ताकि हमारी फसलों को नुकसान न पहुंचे। पशुओं को अपने घरों, बाड़ों और गौठानों में रखा जाता है। उनके चारे-पानी का प्रबंध करना होता है।

फसलों को बचाने के लिए अभियान की शुरुआत

रोका-छेका अभियान के जरिए किसान और पशुपालक अपने पशुओं को खुले में चराई के लिए नहीं छोड़ने का संकल्प लेंगे, ताकि फसलों को नुकसान न पहुंचे। पशुओं को घरों, बाड़ों और गौठानों में रखा जाएगा और उनके चारे-पानी का व्यवस्था भी किया जाएगा। गांवों में गौठानों के बनने से रोका-छेका का काम अब और भी ज्यादा आसान हो गया है।