रायपुर। यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आज रायपुर पहुंचे। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि यह संख्या बल कि नहीं विचारधारा की लड़ाई है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि यह सरकार सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का नंगा नाच कर रही है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही चिंता का विषय है कि आप अपने प्रतिद्वंद्वियों को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि कुछ लोग जो अब मेरे साथ नहीं दिख रहे हैं उसकी एक वजह यह भी हो सकती है।

यशवंत सिन्हा ने कहा कि अभी जो भाजपा है वह वह भाजपा नहीं है, जिसमें मैं था। वह पार्टी पहले दल के भीतर फिर बाहर सहमति बनाने की कोशिश करती थी यहां सहमति का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चाहती तो राष्ट्रपति के नाम पर सहमति बन सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष की तरफ से मैं 10वां नाम होता तो भी मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो जाता।

छत्‍तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 29 सीट आरक्षित है। इसमें 27 सीट पर कांग्रेस के विधायक हैं। कांग्रेस से आदिवासी वर्ग से गुलाब कमरो, प्रेमसाय सिंह टेकाम, बृहस्पत सिंह, चिंतामणि महाराज, डा प्रीतम राम, अमरजीत भगत, विनय भगत, मोहन मरकाम, राजमन बेंजाम, कवासी लखमा, देवती कर्मा, चंदन कश्यप, लखेश्वर बघेल, विक्रम मंडावी, संतराम नेताम, शिशुपाल सोरी, मनोज मंडावी, अनूप नाग, इंद्रशाह मंडावी, अनिला भेड़िया, लक्ष्मी धु्रव, केके ध्रुव, मोहित राम, लालजीत राठिया, चक्रधर सिंह सिदार, रामपुकार सिंह, यूडी मिंज विधायक हैं।

द्रौपदी मुर्मू को भी छत्तीसगढ़ से वोट मिलेंगे

इधर, एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार आदिवासी नेत्री द्रौपदी मुर्मू को छत्तीसगढ़ से भाजपा के दो आदिवासी विधायकों ननकीराम कंवर और डमरूधर पुजारी के वोट मिलेंगे। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) ने भी द्रौपदी का समर्थन किया है। वहीं, बसपा के दो विधायक हैं, जो केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय के आधार पर वोट करेंगे।