रायपुर। छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 0.8 प्रतिशत रही, जबकि देश की औसत बेरोजगारी दर 6.9 प्रतिशत दर्ज हुई है। इससे पह ले मई में छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.7 प्रतिशत थी, जबकि तब देश की बेरोजगारी दर 7.1 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इससे पहले मार्च और अप्रैल माह में भी राज्य की बेरोजगारी दर देश में सबसे कम 0.6 प्रतिशत थी। वहीं, एक बार फिर छत्तीसगढ़ में सबसे कम बेरोजगारी दर दर्ज हुई है।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के नए आंकड़ों के अनुसार जुलाई में हरियाणा में 26.9 प्रतिशत, जम्मू और कश्मीर में 20.2 प्रतिशत, बिहार में 18.8 प्रतिशत, गोवा में 13.7 प्रतिशत, त्रिपुरा में 13 प्रतिशत, दिल्ली में 8.9 प्रतिशत, पंजाब में 7.7 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 6.3 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 3.3 प्रतिशत, गुजरात में 2.2 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 2.0 प्रतिशत, बेरोजगारी दर दर्ज हुई है।

जानकारो के मुताबिक साढ़े तीन वर्ष पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में नयी सरकार बनने के बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने वाली और रोजगार के नए अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं पर शासन का सर्वाधिक जोर रहा।

सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों को कर्ज से मुक्ति और लंबित सिंचाई कर की माफी से इसकी शुरुआत की गई। इसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना लाई गई।

सरकार के इस कदम से भी फायदा

इसके साथ ही नई औद्योगिक नीति का निर्माण, वन और कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था, उपजों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन, ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण दर में वृद्धि और 65 तरह के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीद, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर में वृद्धि, मछली पालन और लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा, परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों और उद्यमियों को प्रोत्साहन, हर जिले में सी-मार्ट की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए।